रानी सती दादी चालीसा पाठ फायदे
रानी सती दादी चालीसा लिरिक्स पाठ फायदे
रानी सती जो सती दादी हैं और अपने भक्तो की सदा ही सहाय हैं, सती दादी की पूजा करने से भक्तों के सभी बिगड़े काम बनते हैं और सभी प्रकार की समस्याओं का निराकरण होता है। सती दादी को दुर्गा माता का अवतार माना गया है। उन्हें नारी शक्ति का परिचायक और अस्मिता के प्रतिक के रूप में जाना जाता है। सती दादी का बचपन का नाम नारायणी देवी था। राजस्थान के झुंझुनू जिले में सती दादी का बहुत बड़ा और भव्य मंदिर स्थित है। यहां भाद्रपद की अमावस्या को बहुत बड़े मेले का आयोजन होता है। झुंझुनू का सती दादी का मंदिर भारत में सती दादी के मंदिरों में से सबसे प्रमुख मंदिर है। सती दादी के भक्त शनिवार और रविवार को मेले में दर्शन हेतु आते हैं। भक्त अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए उनकी पूजा करते हैं और सती दादी उनपर अपनी कृपा बरसा कर उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती है।
॥ दोहा ॥
श्री गुरु पद पंकज नमन, दुषित भाव सुधार,
राणी सती सू विमल यश, बरणौ मति अनुसार,
काम क्रोध मद लोभ मै, भरम रह्यो संसार,
शरण गहि करूणामई, सुख सम्पति संसार॥
श्री गुरु पद पंकज नमन, दुषित भाव सुधार,
राणी सती सू विमल यश, बरणौ मति अनुसार,
काम क्रोध मद लोभ मै, भरम रह्यो संसार,
शरण गहि करूणामई, सुख सम्पति संसार॥
॥ चौपाई ॥
नमो नमो श्री सती भवानी, जग विख्यात सभी मन मानी।
नमो नमो संकट कू हरनी, मनवांछित पूरण सब करनी ॥2॥
नमो नमो जय जय जगदंबा, भक्तन काज न होय विलंबा।
नमो नमो जय जय जगतारिणी, सेवक जन के काज सुधारिणी ॥४॥
दिव्य रूप सिर चूनर सोहे, जगमगात कुन्डल मन मोहे।
मांग सिंदूर सुकाजर टीकी, गजमुक्ता नथ सुंदर नीकी ॥६॥
गल वैजंती माल विराजे, सोलहूं साज बदन पे साजे।
धन्य भाग गुरसामलजी को, महम डोकवा जन्म सती को ॥८॥
तनधनदास पति वर पाये, आनंद मंगल होत सवाये।
जालीराम पुत्र वधु होके, वंश पवित्र किया कुल दोके॥
पति देव रण मॉय जुझारे, सति रूप हो शत्रु संहारे।
पति संग ले सद् गती पाई , सुर मन हर्ष सुमन बरसाई॥
धन्य भाग उस राणा जी को, सुफल हुवा कर दरस सती का।
विक्रम तेरह सौ बावन कूं, मंगसिर बदी नौमी मंगल कूं॥
नगर झून्झूनू प्रगटी माता, जग विख्यात सुमंगल दाता।
दूर देश के यात्री आवै, धुप दिप नैवैध्य चढावे॥
उछाङ उछाङते है आनंद से, पूजा तन मन धन श्रीफल से।
जात जङूला रात जगावे, बांसल गोत्री सभी मनावे॥
पूजन पाठ पठन द्विज करते, वेद ध्वनि मुख से उच्चरते।
नाना भाँति भाँति पकवाना, विप्र जनो को न्यूत जिमाना॥
श्रद्धा भक्ति सहित हरसाते, सेवक मनवांछित फल पाते।
जय जय कार करे नर नारी, श्री राणी सतीजी की बलिहारी॥
द्वार कोट नित नौबत बाजे, होत सिंगार साज अति साजे।
रत्न सिंघासन झलके नीको, पलपल छिनछिन ध्यान सती को॥
भाद्र कृष्ण मावस दिन लीला, भरता मेला रंग रंगीला।
भक्त सूजन की सकल भीङ है, दरशन के हित नही छीङ है॥
अटल भुवन मे ज्योति तिहारी, तेज पूंज जग मग उजियारी।
आदि शक्ति मे मिली ज्योति है, देश देश मे भवन भौति है॥
नाना विधी से पूजा करते, निश दिन ध्यान तिहारो धरते।
कष्ट निवारिणी दुख: नासिनी, करूणामयी झुन्झुनू वासिनी॥
प्रथम सती नारायणी नामा, द्वादश और हुई इस धामा।
तिहूं लोक मे कीरति छाई, राणी सतीजी की फिरी दुहाई॥
सुबह शाम आरती उतारे, नौबत घंटा ध्वनि टंकारे।
राग छत्तीसों बाजा बाजे, तेरहु मंड सुन्दर अति साजे ॥
त्राहि त्राहि मै शरण आपकी, पुरी मन की आस दास की।
मुझको एक भरोसो तेरो, आन सुधारो मैया कारज मेरो॥
पूजा जप तप नेम न जानू, निर्मल महिमा नित्य बखानू।
भक्तन की आपत्ति हर लिनी, पुत्र पौत्र सम्पत्ति वर दीनी॥
पढे चालीसा जो शतबारा, होय सिद्ध मन माहि विचारा।
टाबरिया ली शरण तिहारी, क्षमा करो सब चूक हमारी॥
॥ दोहा ॥
दुख आपद विपदा हरण, जन जीवन आधार।
बिगङी बात सुधारियो, सब अपराध बिसार॥
॥ मात श्री राणी सतीजी की जय ॥
सती दादी के चालीसा का पाठ करने के फायदे
सती दादी के चालीसा के पाठ करने के बहुत से फायदे हैं। सती दादी को शक्ति का परिचायक माना गया है, इनके चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति में शक्ति का संचार होता है।
- सती दादी का चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति में आत्मविश्वास की वृद्धि होती है।
- सती दादी का चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति में आत्मरक्षा के लिए हिम्मत आती है।
- सती दादी का चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति में अन्याय से लड़ने की हिम्मत आती है।
- सती दादी का चालीसा का पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
- व्यक्ति हर कार्य में सफलता की ऊंचाइयों को छूता है। सती दादी का चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति हर प्रकार की समस्याओं से मुक्त होता है।
- सती माता का चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
- सती माता के लिए कहा गया है...
- 'जगदंबा जग तारिणी, रानी सती मेरी मात,
- भूल चूक सब माफ़ कर, रखियो सिर पर हाथ।'
- अर्थात जगदंबा माता जिनके प्रभाव से भक्त इस संसार से तर जाते हैं, जिन्होंने रानी सती का अवतार लिया है, वह मेरी माता है, और वह हमारी सभी गलतियों को माफ करके, हमारे सिर पर हाथ रखें और अपना आशीर्वाद दें।
भजन श्रेणी : दादी भजन (रानी सती भजन ) Dadi Bhajan
► Album - Shree Rani Sati Chalisa
► Song - Shree Rani Sati Chalisa
► Singer - Tara Devi
► Music - Lovely Sharma
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Author - Saroj Jangir
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