साईं तूने शिरडी बुलाया है साई भजन
साईं तूने शिरडी बुलाया है साई भजन
साईं तूने शिरडी बुलाया है,
तब से ये मन ललचाया है।
साईं तूने शिरडी बुलाया है,
तब से ये मन ललचाया है।
सोच रहे थे कब से,
दर्शन को थे तरसे,
चातक नैनों के।
तेरे बिन साईराम,
तेरे बिन साईराम।।
चल रे जाए,
हे मनवा साईं के धाम,
रट ले, रट ले, हे रसने साईं का नाम।
चल रे जाए,
हे मनवा साईं के धाम,
रट ले, रट ले, हे रसने साईं का नाम।
अब एक पल भी बिताई न जाए,
तन-मन की हालत छुपाई न जाए।
अरमां के पंछी पर जो ना होते,
उड़ कैसे पाते!
तेरे बिन साईराम,
तेरे बिन साईराम।।
अब है जल्दी हमें चलना तुझे मिलने,
ना रुकना है कहीं, हमको कहा दिल ने।
अब है जल्दी हमें चलना तुझे मिलने,
ना रुकना है कहीं, हमको कहा दिल ने।
अब दाना तब तलक नहीं लेंगे,
जब तक साईं की झलक नहीं लेंगे।
हम आज हैं जो, वो तेरे कारण,
वरना क्या होता!
तेरे बिन साईराम,
तेरे बिन साईराम।।
साईं तूने शिरडी बुलाया है,
तब से ये मन ललचाया है।
सोच रहे थे कब से,
दर्शन को थे तरसे,
चातक नैनों के।
तेरे बिन साईराम,
तेरे बिन साईराम।।
तब से ये मन ललचाया है।
साईं तूने शिरडी बुलाया है,
तब से ये मन ललचाया है।
सोच रहे थे कब से,
दर्शन को थे तरसे,
चातक नैनों के।
तेरे बिन साईराम,
तेरे बिन साईराम।।
चल रे जाए,
हे मनवा साईं के धाम,
रट ले, रट ले, हे रसने साईं का नाम।
चल रे जाए,
हे मनवा साईं के धाम,
रट ले, रट ले, हे रसने साईं का नाम।
अब एक पल भी बिताई न जाए,
तन-मन की हालत छुपाई न जाए।
अरमां के पंछी पर जो ना होते,
उड़ कैसे पाते!
तेरे बिन साईराम,
तेरे बिन साईराम।।
अब है जल्दी हमें चलना तुझे मिलने,
ना रुकना है कहीं, हमको कहा दिल ने।
अब है जल्दी हमें चलना तुझे मिलने,
ना रुकना है कहीं, हमको कहा दिल ने।
अब दाना तब तलक नहीं लेंगे,
जब तक साईं की झलक नहीं लेंगे।
हम आज हैं जो, वो तेरे कारण,
वरना क्या होता!
तेरे बिन साईराम,
तेरे बिन साईराम।।
साईं तूने शिरडी बुलाया है,
तब से ये मन ललचाया है।
सोच रहे थे कब से,
दर्शन को थे तरसे,
चातक नैनों के।
तेरे बिन साईराम,
तेरे बिन साईराम।।
Sai Tune Shirdi Bulaya Hai | साई तूने शिरडी बुलाया है | Sai Baba Bhajan | Full Audio Song
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Song Name: Sai Baba Tune Shirdi Bulaya Hai
Album Name: Sai Sai Bolo Sai
Singers: Vandana Bajpai, Saud Khan
Lyrics: Bharat Acharya
Music Director: Anand-Milind
Original Song: Maine Tujhe Apna Banaya Hai
Album Name: Sai Sai Bolo Sai
Singers: Vandana Bajpai, Saud Khan
Lyrics: Bharat Acharya
Music Director: Anand-Milind
Original Song: Maine Tujhe Apna Banaya Hai
भक्त के हृदय में जब परम सत्ता की पुकार गूंजती है, तब उसका मन एक ऐसी तीव्र लालसा से भर उठता है, जो उसे पवित्र तीर्थ की ओर खींच ले जाती है। यह पुकार केवल बाहरी यात्रा का आह्वान नहीं, बल्कि एक आंतरिक तड़प है, जो भक्त को उस अनंत प्रेम और करुणा के स्रोत के समीप ले जाती है। मन की यह बेचैनी, वह प्यास है जो तब तक शांत नहीं होती, जब तक वह उस परम शक्ति के दर्शन और सान्निध्य को प्राप्त न कर ले। यह भावना भक्त को सांसारिक बंधनों से ऊपर उठाकर, एक ऐसी आध्यात्मिक यात्रा की ओर प्रेरित करती है, जहाँ हर कदम पर उसका मन उस सत्य के नाम में रमता है। यह यात्रा केवल स्थान की ओर नहीं, बल्कि हृदय की गहराइयों में उस सत्ता के साथ एकाकार होने की ओर होती है, जो जीवन को अर्थ और दिशा प्रदान करती है।
इस आध्यात्मिक यात्रा में भक्त का मन उस चातक पक्षी की तरह हो जाता है, जो केवल स्वाति नक्षत्र की बूंद के लिए तड़पता है। वह हर पल उस परम शक्ति के दर्शन की प्रतीक्षा में व्याकुल रहता है, और उसका मन-तन केवल उसी के नाम में लीन होना चाहता है। यह तड़प इतनी प्रबल होती है कि भक्त के लिए संसार के अन्य सुख और आकर्षण फीके पड़ जाते हैं। वह केवल उस एक झलक के लिए जीता है, जो उसके हृदय को शांति और पूर्णता प्रदान करे। इस भावना में एक गहन समर्पण छिपा है, जहाँ भक्त यह अनुभव करता है कि उसका जीवन, उसकी हर सांस, उसकी हर उपलब्धि केवल उस परम कृपा के कारण संभव है। यह समर्पण उसे उस सत्य के प्रति पूर्ण निष्ठा के साथ जीने की प्रेरणा देता है, जो उसे हर दुख और संकट से परे ले जाता है।
इस आध्यात्मिक यात्रा में भक्त का मन उस चातक पक्षी की तरह हो जाता है, जो केवल स्वाति नक्षत्र की बूंद के लिए तड़पता है। वह हर पल उस परम शक्ति के दर्शन की प्रतीक्षा में व्याकुल रहता है, और उसका मन-तन केवल उसी के नाम में लीन होना चाहता है। यह तड़प इतनी प्रबल होती है कि भक्त के लिए संसार के अन्य सुख और आकर्षण फीके पड़ जाते हैं। वह केवल उस एक झलक के लिए जीता है, जो उसके हृदय को शांति और पूर्णता प्रदान करे। इस भावना में एक गहन समर्पण छिपा है, जहाँ भक्त यह अनुभव करता है कि उसका जीवन, उसकी हर सांस, उसकी हर उपलब्धि केवल उस परम कृपा के कारण संभव है। यह समर्पण उसे उस सत्य के प्रति पूर्ण निष्ठा के साथ जीने की प्रेरणा देता है, जो उसे हर दुख और संकट से परे ले जाता है।
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Author - Saroj Jangir
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