सर पे छतरी श्याम नाम की
सर पे छतरी श्याम नाम की
बारिस का डर ना धुप का,सर पे छतरी है श्याम की,
हम छतरी ले निकल पड़े,
हाथों में श्याम नाम की,
बारिस का डर ना धूप का,
सर पे छतरी है श्याम की।
जब सांवरा है साथ में,
हम क्यों फ़िक्र करें,
जब जीत अपने हाथ है,
फिर किसलिए डरे,
आंधी हो या तूफ़ान हो,
या गम का रेगिस्तान हो,
छतरी है ये आराम की,
बारिस का डर ना धूप का,
सर पे छतरी है श्याम की।
पहचान हम सभी की है,
बाबा के नाम से,
जाना नहीं है दूर अब,
खाटू के धाम से,
जाना नहीं है और दर,
बाबा के दर को छोड़ कर,
अंगुली ना छोड़े श्याम की,
बारिस का डर ना धूप का,
सर पे छतरी है श्याम की।
सब कुछ हमारा श्याम है,
कोई और कुछ नहीं,
अब तो हमारे वास्ते,
कहीं और कुछ नहीं,
चलना सिखाया श्याम ने,
जीना सिखाया श्याम ने,
दी जिंदगी आराम की,
बारिस का डर ना धूप का,
सर पे छतरी है श्याम की।
बारिस का डर ना धुप का,
सर पे छतरी है श्याम की,
हम छतरी ले निकल पड़े,
हाथों में श्याम नाम की,
बारिस का डर ना धूप का,
सर पे छतरी है श्याम की।
भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)
Sar Pe Chhatri Shyam Naam Ki - सर पे छत्तरी श्याम नाम की - Bhawna Swarajali - Shyam Bhajan
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