हम हाथ उठाकर कहते हैं भजन
हम हाथ उठाकर कहते हैं भजन Hum Hath Uthakar Bhajan by Pujya Chitra Vichitra Maharaj.
श्री राधे, श्री राधे, श्री राधे,
हम हाथ उठाकर कहते हैं,
हम हो गये राधा रानी के,
वृन्दावन की महारानी के,
हम हाथ उठाकर कहते हैं,
हम हो गये राधा रानी के,
राधा, राधा, राधा, राधा,
श्री राधा, राधा, राधा, राधा।
ऊँचे बरसाने वारी के,
राधे कान्हाँ की प्यारी के,
राधे वृषभान दुलारी के,
राधे संतो की प्यारी के,
हम हाथ उठाकर कहते हैं,
हम हो गये राधा रानी के,
राधा, राधा, राधा, राधा,
श्री राधा, राधा, राधा, राधा।
हम गली गली में कहते हैं,
हम डगर डगर में में कहते हैं,
हम नगर नगर में में कहते हैं,
हम हाथ उठाकर कहते हैं,
हम हो गये राधा रानी के,
राधा, राधा, राधा, राधा,
श्री राधा, राधा, राधा, राधा।
हम कल थे राधा रानी के,
हम आज भी राधा रानी के,
हम कल भी राधा रानी के,
हम हाथ उठाकर कहते हैं,
हम हो गये राधा रानी के,
राधा, राधा, राधा, राधा,
श्री राधा, राधा, राधा, राधा।
कोई भला कहे कोई बुरा कहे,
अजी कहने दो जो भी कहता रहे,
हम नाच नाच के कहते है,
हम हो गए राधा रानी के,
हम हाथ उठाकर कहते हैं,
हम हो गये राधा रानी के,
राधा, राधा, राधा, राधा,
श्री राधा, राधा, राधा, राधा।
हम हाथ उठा कर कहते हैं,
हम हो गये राधा रानी के।
वृन्दावन की महा रानी के,
हम हाथ उठा कर कहते हैं,
हम हो गये राधा रानी के।
हम हो गये राधा रानी के,
वृन्दावन की महारानी के,
हम हाथ उठाकर कहते हैं,
हम हो गये राधा रानी के,
राधा, राधा, राधा, राधा,
श्री राधा, राधा, राधा, राधा।
ऊँचे बरसाने वारी के,
राधे कान्हाँ की प्यारी के,
राधे वृषभान दुलारी के,
राधे संतो की प्यारी के,
हम हाथ उठाकर कहते हैं,
हम हो गये राधा रानी के,
राधा, राधा, राधा, राधा,
श्री राधा, राधा, राधा, राधा।
हम गली गली में कहते हैं,
हम डगर डगर में में कहते हैं,
हम नगर नगर में में कहते हैं,
हम हाथ उठाकर कहते हैं,
हम हो गये राधा रानी के,
राधा, राधा, राधा, राधा,
श्री राधा, राधा, राधा, राधा।
हम कल थे राधा रानी के,
हम आज भी राधा रानी के,
हम कल भी राधा रानी के,
हम हाथ उठाकर कहते हैं,
हम हो गये राधा रानी के,
राधा, राधा, राधा, राधा,
श्री राधा, राधा, राधा, राधा।
कोई भला कहे कोई बुरा कहे,
अजी कहने दो जो भी कहता रहे,
हम नाच नाच के कहते है,
हम हो गए राधा रानी के,
हम हाथ उठाकर कहते हैं,
हम हो गये राधा रानी के,
राधा, राधा, राधा, राधा,
श्री राधा, राधा, राधा, राधा।
हम हाथ उठा कर कहते हैं,
हम हो गये राधा रानी के।
वृन्दावन की महा रानी के,
हम हाथ उठा कर कहते हैं,
हम हो गये राधा रानी के।
भजन श्रेणी : राधा कृष्णा भजन (Radha Krishna Bhajan)
Hum Ho Gye Radha Rani Ke | New Banke Bihari Bhajan | Chitra Vichitra Ji Maharaj #Saawariya
➤Album :- Kaise Karoon Shukriya
➤Song :- Hum Ho Gye Radha Rani Ke
➤Singer :- Chitra Vichitra Ji Maharaj
➤Music :- Chitra Vichitra Ji Maharaj
➤Writer :- Baba Rasika Pagal, Bindu Ji
➤Song :- Hum Ho Gye Radha Rani Ke
➤Singer :- Chitra Vichitra Ji Maharaj
➤Music :- Chitra Vichitra Ji Maharaj
➤Writer :- Baba Rasika Pagal, Bindu Ji
श्री राधा रानी के प्रति भक्त की अटूट भक्ति और पूर्ण समर्पण है, जो वृंदावन की महारानी, वृषभानु की दुलारी और संतों-रसिकों की प्यारी के चरणों में अपने को समर्पित करता है। भक्त का हृदय राधा रानी के प्रेम में डूबा हुआ है, और वह गली-गली, डगर-डगर, नगर-नगर में नाचते-गाते, भुजाएँ उठाकर यह घोषणा करता है कि वह सदा-सदा के लिए राधा रानी का हो चुका है। यह भक्ति का वह उल्लासमयी भाव है, जो संसार की भला-बुरा कहने वाली बातों को अनदेखा कर केवल राधा रानी के प्रेम में लीन रहता है।
राधा रानी, जो बरसाने की ऊँची पहाड़ियों की स्वामिनी और श्री कृष्ण की प्रियतम हैं, उनका नाम भक्त के जीवन को आनंद और शांति से भर देता है। यह भजन सिखाता है कि सच्ची भक्ति वह है जो समय और परिस्थितियों से परे हो, जो कल थी, आज है और कल भी रहेगी। भक्त को संसार की आलोचना का भय नहीं, क्योंकि वह राधा रानी की शरण में पूर्णतः समर्पित है। उनकी भक्ति में नाचना, गाना और प्रेम में डूबना ही साधक का सच्चा धर्म है।
राधा रानी को ब्रज की महारानी और कृष्ण के प्राणों की आराध्य माना जाता है। उनका प्रेम केवल एक मानवीय प्रेम कहानी नहीं, बल्कि भक्ति और समर्पण का सर्वोच्च प्रतीक है। कृष्ण के बिना राधा का कोई अस्तित्व नहीं, और राधा के बिना कृष्ण अधूरे हैं। वे सिर्फ एक-दूसरे के पूरक नहीं, बल्कि एक ही आत्मा के दो रूप हैं। राधा का नाम लेने से कृष्ण प्रसन्न होते हैं, और राधा कृष्ण के नाम से अपनी पहचान पाती हैं। उनकी भक्ति इतनी गहरी थी कि उन्होंने स्वयं को कृष्ण के प्रेम में पूरी तरह से विलीन कर दिया था। इसी कारण, राधा रानी को भक्तिमार्ग में सर्वोपरि स्थान प्राप्त है, और उन्हें प्रेम, समर्पण और त्याग की देवी के रूप में पूजा जाता है। वह केवल एक ऐतिहासिक पात्र नहीं, बल्कि हर भक्त के हृदय में बसी हुई कृष्ण के प्रति सच्ची और शुद्ध भक्ति की प्रतिमूर्ति हैं।
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