श्रीगणपती स्तोत्र लिरिक्स मराठी भाषांतर भजन

श्रीगणपती स्तोत्र लिरिक्स मराठी भाषांतर

श्रीगणपती स्तोत्र ( मराठी भाषांतर )
साष्टांग नमन हे माझे गौरीपुत्रा विनायका ।
भक्तीनें स्मरतो नित्य आयुःकामार्थ साधती ॥ १ ॥

प्रथम नांव वक्रतुंड दुसरें एकदंत ते ।
तिसरे कृष्णपिंगाक्ष चवथे गजवक्र ते ॥ २ ॥

पांचवे श्रीलंबोदर सहावें विकट नांव ते ।
सातवे विघ्नराजेंद्र आठवे धुम्रवर्ण ते ॥ ३ ॥

नववे श्री भालचंद्र दहावे श्री विनायक ।
अकरावे गणपती बारावे श्री गजानन ॥ ४ ॥

देवनांवे अशी बारा तीन संध्या म्हणे नर ।
विघ्नभीती नसे त्याला प्रभो ! तू सर्व सिद्धिदे ॥ ५ ॥

विद्यार्थ्याला मिळे विद्या धनार्थ्याला मिळे धन ।
पुत्रार्थ्याला मिळे पुत्र मोक्षार्थ्याला मिळे गति ॥ ६ ॥

जपता गणपती स्तोत्र सहा मासांत हे फळ ।
एक वर्ष पुर्ण होतां मिळे सिद्धी न संशय ॥ ७ ॥

नारदांनी रचिलेले झाले संपू्र्ण स्तोत्र हें ।
श्रीधराने मराठींत पठण्या अनुवादिले ॥ ८ ॥
॥ श्रीगणपती स्तोत्र संपूर्ण ॥

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Ganpati Stotra In Marathi (गणपती स्तोत्र मराठी) | By Bhakti Sagar |

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Shri Ganpati Strot (Marathi Bhashantar)
Sashtaang Naman He Majhe Gouriputra Vinayaka,
Bhaktine Smarto Nity Aayu Kamarth Sadhati,
Pratham Naav Vakratund Dusare Ekdant Te,
Tisare Krishnapingaaksh Chavathe Gajvakra Te
Panchave Shri Lambodar Sahave Vikat Te
Satave Vighnrajendra Aathve Dhumravarna Te.
 
हृदय की वह अनमोल प्रार्थना है जिसमें गणेश के बारह रूपों का स्मरण मन को शुद्ध और जीवन को मंगल बना देता है। जब कोई व्यक्ति श्रद्धा से उनके नामों का जप करता है, तो यह साधना केवल वाणी तक सीमित नहीं रहती—वह मन की गहराई में उतरकर हर कष्ट को हल्का कर देती है। वक्रतुंड अहंकार को झुकाना सिखाते हैं, एकदंत एकाग्रता का प्रतीक हैं, लंबोदर

धैर्य और ज्ञान की गहराई की याद दिलाते हैं। यही तो गणेश के रूपों का रहस्य है—हर नाम जीवन के किसी एक सत्य को जगाता है। इन बारह नामों में जैसे सृष्टि का पूरा चक्र समाया है; जो सुबह, दोपहर और संध्या तीन बार इसका स्मरण करता है, उसके जीवन से विघ्न स्वतः दूर हो जाते हैं।

जब कोई विद्यार्थी, धन चाहने वाला, संतान की कामना रखने वाला या मुक्ति की खोज में लगा मनुष्य इस स्तोत्र का नियमित पाठ करता है, तब गणपति हर रूप में उसका सहायक बन जाते हैं। यह केवल फल प्राप्ति की प्रार्थना नहीं, बल्कि धन्यवाद की एक अनुभूति है—जैसे आत्मा कह रही हो, “तू सर्व सिद्धिदे प्रभो।” इस वाणी की सरलता में जो शक्ति छिपी है, वही गणेश भक्ति का सच्चा स्वरूप है, जहाँ नाम स्मरण ही ध्यान बन जाता है और ध्यान ही मुक्ति का द्वार। 
 
Ganpati Stotra (गणपती स्तोत्र) In Marathi | By Bhakti Sagar |
Singer - Neha Rajput
Music - Vishal Dhumal 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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