राजस्थानी भाषा मुहावरे लोकोक्ति हिंदी अर्थ Rajasthani Muhavare Lokokti Hindi Meaning

राजस्थानी भाषा के मुहावरे लोकोक्ति हिंदी अर्थ Rajasthani Muhavare Lokokti Hindi Meaning Rajasthani Language Idioms and Phrases Hindi Meaning/Arth Sahit

राजस्थानी भाषा मुहावरे लोकोक्ति हिंदी अर्थ Rajasthani Muhavare Lokokti Hindi Meaning

  • अंधा की माखी राम उड़ावै/Adha Ki Makhi Ram Udave : हिंदी अर्थ :- गरीब/निर्धन और असहाय व्यक्ति की मदद ईश्वर करता है। अंधे व्यक्ति के बदन पर बैठी हुई मक्खी को ईश्वर ही उड़ाता है।
  • अंधाधुंध की साहबी, घटाटोप को राज : हिंदी अर्थ :- मूर्ख और अविवेकी व्यक्ति, अकुशल व्यक्ति के राज में घोर अन्धकार ही रहता है। भाव है की अकुशल व्यक्ति के नेतृत्व में सुशाशन, समृद्धि नहीं आ सकती है।
  • अंबर कै थेगलीं कोनी लागै/Ambar Ke Thegali Koni Lage: हिंदी अर्थ :- इसका संकेत सम्भव कार्य के नहीं होने के भाव में होता है यथा हम तारे नहीं गिन सकते हैं क्योंकि वह असख्य हैं ऐसे ही अंबर / आकाश के पैबंद नहीं लगाया जा सकता है।
  • अकल बिना ऊंट उभाणा फिरैं /Akal Bina Unt Ubhana Fire : हिंदी में अर्थ-अक्ल/विवेक के अभाव में व्यक्ति की दुर्दशा होना। यथा ऊंट के पास यदि अक्ल हो तो वह क्यों नंगे पाँव फिरे ? वह भी जूते पहन सकता है।
  • आक में ईख, फोग में जीरो Aak Me Enkh Fog Me Jiro : हिंदी मीनिंग : इस राजस्थानी मुहावरे का हिंदी में अर्थ है की अधम, बुरे कुल, महत्वहीन स्थान पर मूलयवान व्यक्ति/वस्तु / गुण का होना। आक से आशय मंदार (आकडा) से है, आक में गणना और फोग (जंगली पौधा) में जीरा लगना, प्राप्त होना।
  • आँख्याँ देखी परसराम, कदे न झूठी होय Aankhya Dekhi Parasram Kade Na Jhuti Hoy: हिंदी अर्थ :- आँखों देखी बात/घटना कभी झूठी नहीं हो सकती है। सुनी हुयी बात असत्य हो सकती है लेकिन आखों देखी नहीं। प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती है। परसराम किसी व्यक्ति के नाम का सूचक है।
  • अणी चूकी धार मारी Ani Chuki Dhaar Mari : हिंदी अर्थ -अणि (नोक) किसी भी धारधार चाक़ू/तलवार की धार को अणि कहा जाता है। नोक के चुकने पर धार की मार हाथ आदि पर पड़ सकती है। अतः सावधानी हटी दुर्घटना घटी। आशय है की सावधानी के हटते ही दुर्घटना हो जाती है।
  • अणदोखी नै दोख, बीनै गति न मोख Andekhi Ne Dosh, Beene Gati Na Moksh:- जो देखा नहीं है, परखा नहीं उसे दोष नहीं देना चाहिए, ऐसे व्यक्ति की गति (मुक्ति) नहीं होती है और नाहीं उसे मोक्ष (मोख) ही प्राप्त होता है। निर्दोष पर दोष स्थापित नहीं करना चाहिए।
  • अठे किसा काचर खा है Athe Kisa Kachar Kaa Se:- यहां तुम्हारा कौनसा कार्य है, यहाँ तुम्हारा क्या प्रयोजन है ? भाव है की यहाँ पर कुछ लेना देना नहीं है, कुछ प्राप्त होने वाला नहीं है।
  • अठे गुड़ गीलो कोनी Athe Gud Gilo Koni :- हिंदी मतलब : यहाँ पर लापरवाही नहीं है, यहाँ पर तुम्हे कोई मौका नहीं मिलने वाला है। भाव है की यहाँ पर गुड़ (मूलयवान वस्तु) की रक्षा की गयी है, गुड़ यहाँ पर गिला नहीं है। तुम हमें मूर्ख मत समझना।
  • आप डुबंतो पांडियो ले डूब्यो जजमान Aap Dubato Pandiyo Le Dubyo Jajmaan: हिंदी अर्थ / मीनिंग : मुसीबत का मारा, मुसीबतों में फंसा हुआ व्यक्ति सभी को मुसीबत में डाल देता है। ऐसा पंडित (पांडियो) जो स्वंय अभागा है वह अपने यजमान (जजमान) को भी ले डूबता है।
  • आप मर्‌याँ बिना सुरग कठै Aap Marya Bina Surag Kathe: स्वंय के मरने पर ही स्वर्ग की प्राप्ति होती है। स्वंय के मरे बिना स्वर्गः कहाँ ? अर्थ है की व्यक्ति को स्वंय मेहनत/कार्य करने से ही उसके सद्फल की प्राप्ति होती है।
  • आम के अणी नहीं, वैश्या के धणी नहीं Aam Ke Ani Nahi, Vaishya Ke Dhani Nahi:- जिसका कोई स्वामी (धणी ) ना हो, जिसकी खैर खबर लेने वाला कोई नहीं हो। यथा आप का ध्यान रखने वाला कोई नहीं होता है और ऐसे ही वैश्या का कोई मालिक नहीं होता है।
  • आम खाणा के पैड गिणना Aam Khana Ke Ped Ginana:- हिंदी अर्थ : अपने लक्ष्य पर ध्यान रखना व्यर्थ की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। यथा हमें आम खाने हैं कौनसे पेड़ गिनने हैं।
  • अम्बर पटकी धरती झेली Ambar Pataki Dharti Jheli:- हिंदी अर्थ : आकाश ने पटक दिया और धरती पर आ गिरा / जिसका कोई आगे पीछे ना हो, जिसकी सुध लेने वाला कोई ना हो, लावारिश।
  • आला बंचै न आपसै, सूखा बंचै न कोई के बाप सैं Aala Bache Na Aapse, Sukha Bache Na koi Ke Baap SE:- भाग्य/हस्तलेख खराब होना। आला (गीला ) तुमसे नहीं बचेगा वह जलेगा और सूखा किसी के बाप से भी नहीं बचेगा। भाव है की जब भाग्य ही खराब होता है तो होनी होकर ही रहती है, इसमें कोई कुछ भी नहीं कर सकता है।
  • असी रातां का असां ही तड़का Assi Rata Ka Asa Hi Tadaka :- ऐसी रातों की ऐसी ही सुबह (तड़का) होती है। जैसे रात होती है वैसी ही सुबह होती है। अर्थ है की यदि कार्य सही नहीं है तो उसके परिणाम भी सही प्राप्त नहीं हो सकते हैं।
  • ओस चाट्यां कसो पेट भरै Os Chatya Kaso Pet Bhare:- निरर्थक प्रयास करने से कोई लाभ नहीं होता है। ओस के पानी को चाटने से पेट नहीं भरता है। ऐसे ही व्यर्थ के कार्यों से फल की प्राप्ति नहीं होती है।
  • ओसर चूकी डूमणी, गावै आल पाताल Osar Chuki Dumani Gave Aaal Paatal:- डूमणी (गा बजाकर खाने वाली महिला) जैसे अवसर चुकने के उपरान्त डूमणी रागहीन गाना गाती है ऐसे ही अवसर चुकने के उपरान्त व्यर्थ के कार्य करने से कोई लाभ नहीं होने वाला होता है।
  • अंटी में आणौ Anti Me Aano :- किसी के फंदे (अंटी/आंट ) या जाल में फँस जाना।
  • अकल भांग खाणी Akal Bhang Khani:- अक्ल पर पत्थर पड़ जाना, व्यर्थ के कार्य करना, बुद्धि का भ्रष्ट हो जाना।
  • आँख चूकणी Aakh Chukani:- ध्यान हटना, ध्यान (आँख) का चूक जाना।
आप निम्न पूर्व की पोस्ट को भी देखें :-

लोकोक्ति एंव राजस्थानी कहावतें Rajasthani Lokokti Aur Kahavaten (मारवाड़ी लोकोक्ति एवं कहावतें)

  • आँख/आँखियां तरसणी Aankhya Tarasani: किसी वस्तु व्यक्ति/परिणाम के लिए आतुरता का होना, अधिक लालसा होना क्योंकि उसकी प्राप्ति नहीं हुई है। इसलिए आँखें तरस रही हैं।
  • आँख/आँखियां फाणी :- आश्चर्यचकित हो जाना, अप्रत्यासित घटना से हतप्रभ हो जाना।
  • आँख रौ काजळ Aankhya Ro Kajal :- अत्यधिक प्रिय होना, बहुत अधिक प्रिय होना।
  • आंधा रा तंदूरा रामदेवजी बजावै Aandha Ra Tandura Ramdevji Bajave:- असहाय, दीन व्यक्ति की मदद स्वंय ईश्वर करता है। रामदेव जी एक लोक देवता हैं जो अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं, उनके कार्य पूर्ण करते हैं। तदूरा से आशय तम्बूरे (वाद्य यंत्र) से हैं।
  • आग में घी पूळौ नांखणौ Aag Me Ghi Pulo Nakhano:- कलह और झगड़े को और अधिक बढ़ाने का प्रयास करना, विवाद की अग्नि को हवा देना, विवाद को बढ़ाना। घी पुला से आशय घी और सुखी लकड़ियों के गट्ठर से है।
  • आटै दाळ रौ भाव ठा पड़णौ Aate Dal Ro Bhav Tha Padano:- वास्तविकता का बोध हो जाना। जब व्यक्ति हवा में रहता है तो उसे धरातल का ज्ञान नहीं होता है। आटे दाल के भाव से आशय है की आटे और दाल के मूल्य का बोध होना, वास्तविकता का पता चलना।
  • आधी नै छोड़ आखी भावै तो आधी भी जावै Aadhi Ne Chhod Aakhi Bhave To Aadhi Bhi Jave:- अधिक प्राप्ति के लोभ के कारण से जो कुछ पास में है उससे भी हाथ धो बैठना यथा जो व्यक्ति आधी रोटी को छोड़ कर पूरी रोटी के चक्कर में पड़ जाता है वह आधी से भी हाथ धो बैठता है।
  • आपरी मां ने कुण डाकण केवै Aapri Ma Ne Kun Dakan Kahave:- कोई भी व्यक्ति स्वंय से सबंधित अवगुणों को नहीं देखता है, यथा अपनी माँ को कौन व्यक्ति डाकिन कहता है, कोई नहीं।
  • अेक नै अेक इग्यारै होवणौ Ek Aur Ek Gyarah Hovano:- एकता में ही शक्ति होती है, एकता में बल होता है जैसे की एक और एक ग्यारह होते हैं।
  • ओसर चूक्या मौसर नहीं मिलै Osar Chukya Me Mousar Nahi Mile:- अवसर चूक जाने पर लाभ की प्राप्ति नहीं होती है। मौसर से आशय मृत्युभोज से है। 


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अन्य "अ" से शुरू होने वाली कहावतें और मुहावरे / Other Rajasthani Kahavaten/Muhavare Starting With "A" Alphabet/Rajasthani Kahavate Muhavare Hindi Arth Sahit

अक्कल में खुदा पिछाणो /Akal Me Khuda Pichhano : अक्ल और विवेक में ही ईश्वर का वास है, उसे (पिछाणो) पहचानों .
अक्खा रोहण बायरी, राखी सरबन न होय ।
पो ही मूल न होय तो, म्ही दूलन्ती जोय ।।

Or
अक्खा रोहण बायरी, राखी सरबन न होय|
पोष ही मूल न होय तो, म्ही डूलंती जोय ||

हिंदी अर्थ : अक्षय तृतीया पर रोहिणी तारा ना हो, राखी केअवसर पर श्रवण नक्षत्र यदि नहीं हो, पौष माह में भी यदि मूल नक्षत्र नहीं हो समझो की विपत्ति आने वाली है। 
आगम सूझे सांढणी, दौड़े थला अपार,
पग पटकै बैसे नहीं, जद मेह आवणहार।

हिंदी अर्थ : मादा ऊंट (ऊंटनी/सांढ़) को बरसात के बारे में पहले से ही पता चल जाता है। सांढ़ को बरसात के बारे में पता चलने पर वह इधर उधर डोलने लग जाती है। वह अपने पांवों को पटकने लगे और यदि वह बैठे नहीं तो समझना चाहिए की मेह (बरसात) आने वाली है। ऊंटनी को बरसात के विषय में पूर्वाभाष हो जाता है।
मावां पोवां धोधूंकार, फागण मास उडावै छार,
चैत मास बीज ल्हकोवै, भर बैसाखां केसू धोवै।

हिंदी अर्थ : माघ और पोष माह में यदि कोहरा दिखाई देने लगे, फागण माह में धुल के उड़ने पर चित्र मॉस में बिजली दिखाई दे तो बैसाख माह में अवश्य ही जमकर बरसात होती है।  
अत तरणावै तीतरी, लक्खारी कुरलेह|
सारस डूंगर भमै, जद आत जोरे मेह ||

हिंदी अर्थ : तीतरी के जोर जोर से बोलने पर, लक्खारी कुरलाने लगे सारस पक्षी जब पहाड़ पर जाने लगे तब समझो की तेज बारिश आने वाली है। 
आगम सूझै सांढणी, आवै ऊंघ अपार।
रातां बहे उंगाजी, जद मेहां अणपार।

हिंदी अर्थ : बरसात का पूर्वाभाष मादा ऊंट को होता है। यदि सांढ़ ऊँघने लगे,  रातों को वह ऊँघने लगे तो समझना चाहिए की जोरदार बरसात आने वाली है। 
तीतर पंखी बादली, विधवा काजळ रेख,
बा बरसै बा घर करै, ई में मीन न मेख।

हिंदी अर्थ : यदि तीतरी के समान बादली/बदली दिखाई दे और विधवा की आँखों में सुरमा दिखाई दे तो समझना चाहिए की बादल बरसेंगे और विधवा नया घर बसायेगी, इसमें कोई संदेह नहीं है। 
अगस्त ऊगा मेह पूगा|
हिंदी अर्थ : अगस्त्य तारे के उदय होने पर समझना चाहिए की बरसात पूर्ण हो चुकी है।
अगस्त ऊगा मेह न मंडे,
जो मंडे तो धार न खंडे ||

हिंदी अर्थ :  अगस्त्य तारे के उदय होने पर बरसात नहीं होती है, लेकिन यदि बरसात मंड जाए/बादल घिर जाए तो समझना चाहिए की वह खूब जोरदार होने वाली है। 
अम्मर पीलो मेह सीलो |
हिंदी अर्थ : यदि अंबर पीला दिखाई देने लगे तो समझना चाहिए की बरसात कमजोर पड़ गई है।
अम्बर रातो मेह मातो||
हिंदी अर्थ : आसमान/अंबर यदि लाल दिखाई दे तो समझें की तेज बरसात होगी। 
अम्बर हरियौ, चुवै टपरियौ |
हिंदी अर्थ : यदि आकाश कुछ हरापन लिए हो तो समझो की कई दिनों तक धीरे धीरे बरसात होती, घर चुने लगेगा।
अगम् बुद्धी बाणियो पिच्छम् बुद्धी जाट,
तुर्त बुद्धी तुरकड़ो, बामण सपनपाट।

हिंदी अर्थ : जातियों के विषय में कथन है की बणिया / वणिक (बनिया) की बुद्धि बहुत तेज होती है। जाट की बुद्धि बाद में चलती है। ऐसे ही मुसलमान तुरंत ही बुद्धि चला लेता है और ब्राह्मण बुद्धि के मामले में सफाचट/साफ़ होता है।  
अग्रे अग्रे ब्राह्मणा,
नदी नाला बरजन्ते ।

हिंदी अर्थ – ब्राह्मण वैसे तो सभी कार्यों में आगे रहता है लेकिन नदी/नालों से वह दूर ही रहता है। भाव है की खतरों से, विपरीत अवस्था में वह आगे नहीं चलता है, मना कर देता है। 
अटक्यो बोरो उधार दे।
हिंदी अर्थ
अटका हुआ बनिया उधार देता है।
अठे ही रेवड़ को रिवाड़ो, अठे ही भेड्या री घुरी।
हिंदी अर्थ :
दो विरोधी स्वभाव के व्यक्तियों का एक जगह होना। यथा यहीं पर तो भेड़ों का रयाड़ो है और यहीं पर भी भेड़ियों की घुरी (मांद ) भी है। 
अणमांग्या मोती मिलै,
मांगी मिलै न भीख।
हिंदी मीनिंग :
व्यक्ति को भाग्य में जो होता है उतना ही मिलता है, बिना मांगे मोती मिलते हैं और मांगने पर भीख भी नहीं मिलती है।
अणसमझ को कुछ नहीं, समझदार की मौत/Ansamajh Ko Kuch Nahi, Samajhdar Ki Mout: जो मूर्ख है, नासमझ है उसका कुछ भी नहीं बिगड़ता है और जो समझदार होता है उसे भी सब कुछ सहन करना पड़ता है, उसी की मौत होती है।
अत पितवालो आदमी,
सोए निद्रा घोर।
अण पढ़िया आतम कही,
मेघ आवै अति घोर

हिंदी अर्थ : अधिक पित्त वाले व्यक्ति पित्त प्रधान व्यक्ति यदि में दिन में अधिक सोता है तो समझना चाहिए की तीव्र बरसात आने वाली है। 
अदपढ़ी विद्या धुवै चिन्त्या धुवे सरीर।
हिंदी अर्थ :
आधा ज्ञान और चिंता शरीर को खाती हैं, नुकसान करती हैं।
अनहोणी होणी नहीं,  होणी होय सो होय ।
हिंदी अर्थ :
अनहोनी कभी नहीं होती है और जो होनी है वह होकर रहती है।
बीरा तन्नै कैगो जिकोई मन्ने कैगो।
हिंदी अर्थ / मतलब :
जिसने तुम्हे कहा है उसी ने मुझे भी कहा है, भाव है की जिस भाई ने तुम्हे कहा है, बताया है उसी ने मुझे भी बताया है।
अभागियो टाबर त्युंहार नै रूसै
हिन्दी :
अभागा व्यक्ति सुवसर को खो देता है। जैसे अभागा बच्चा त्योंहार पर नाराज होता है और मिठाई और व्यंजन से हाथ धो बैठता है।
अम्बर कै थेगळी कोनी लागै ।
हिंदी अर्थ :
आकाश के पैबंद नहीं लगता है। असम्भव कार्य कभी भी पूर्ण नहीं होता है।
अम्बर राच्यो, मेह माच्यो |
हिंदी अर्थ
आसमान में लालिमा छाने से समझना चाहिए की बरसात होने वाली है। 
अम्मर को तारो हाथ सै कोनी टूटै ।
हिन्दी अर्थ :
आसमान का तारा हाथ से नहीं तोडा जा सकता है। विशाल कार्य को करने के लिए अधिक सामर्थ्य की आवश्यकता होती है।
अम्मर पीळो में सीळो ।
हिन्दी अर्थ :
आसमान में यदि पीलापन दिखाई दे तो यह बरसात का सूचक होता है।
अय्याँ ही रांडा रोळा करसी अर अय्याँ ही पावणा जिमबो करसी ।
हिंदी अर्थ :
घर में औरतों के विषय में कथन है की औरतें ऐसे ही शोर करती रहेंगी और ऐसे ही मेहमान भोजन ग्रहण करते रहेंगे। भाव है की शोर करने वाले शोर करते रहेंगे और लाभ प्राप्त करने वाले लाभ प्राप्त कर लेंगे।
अरजन जसा ही फरजन।
हिंदी :
सभी का एक जैसा ही होना।
अरड़ावतां ऊँट लदै ।
हिंदी अर्थ :
चीखते ऊंट पर भी बोझ डालना, किसी की पीड़ा को नहीं समझना।
असलेखा बूठां, बैदां घरे बधावणा ।
हिंदी मीनिंग :
असलेखा नक्षत्र में यदि बरसात होने लगे तो बैद्यों के घर पर मिठाई बंटती है क्योंकि यह रोगों का घर होती है और वैद्य को रोगी मिलते हैं, वैद्य की कमाई होती है।
असवार तो को थी ना पण ठाडां कर दी।
हिंदी अर्थ :
व्यर्थ में किसी को जिम्मेदारी दे देना, विवश होकर जिम्मेदारी को ग्रहण कर लेना।
असो भगवान्यू भोळो कोनी जको भूखो भैसां में जाय ।
हिंदी अर्थ :
ऐसा भगवान कोई भोला नहीं है जो भूखा ही काम करने को जाए।
आ छाय तो ढोलियां जोगी ही|
हिंदी अर्थ :
बेकार वस्तु को किसी को दे देने पर दुख का ना होना। 
आ बलद मनै मार।
हिंदी अर्थ :
आ बैल मुझे मार।
आ रै मेरा सम्पटपाट मैं तनै चाटूं, मनै चाट।
हिंदी अर्थ :
दो अयोग्य व्यक्तियों का जमघट। आओ मेरे मूर्ख (सम्पटपाट) व्यक्ति मैं तुम्हे चाटती हूँ और तुम मुझे चाटो।
आँ तिलां मैँ तेल कोनी |
हिंदी अर्थ :
मूल्यवान परिणाम का अभाव। इन तिलों में तेल नहीं है। यहाँ कोई फायदा नहीं होने वाला है। 
आँख मीच्यां अंधेरो होय ।
हिंदी अर्थ :
किसी घटना की और अनदेखा करना।
आँखन, कान, मोती, करम, ढोल, बोल अर नार।
अ तो फूट्या ना भला, ढाल, ताल, तलवार॥
हिंदी अर्थ
आखें, कान मोती, कर्म, ढोल, बोल, नारी, ये सभी फूटने नहीं चाहिये।
आँख्यां देखी परसराम, कदे न झूठी होय।
हिंदी अर्थ :
आखों देखि कभी झूठी नहीं होती है।
आँख्यां में गीड पड़ै, नांव मिरगानैणी।
हिंदी अर्थ :
आखों में तो गीड आ रहा है और नाम धरा रखा है मृगनयनी। गुणों के विपरीत नाम का होना। 
आँख्यां सै आँधो, नांव नैणसुख।
हिंदी अर्थ :
आखों से अँधा और नाम नयनसुख। भाव है की गुणों के विपरीत नाम का रखना।
आँण गाँव को बींद र गांव को छोरा।
हिंदी अर्थ :
अन्य गाँव का एक सामान्य व्यक्ति जहाँ उसे छोरा कहते हैं वही दुसरे गाँव में जाकर दूल्हा जी बन जाता है। व्यक्ति का सम्मान वहां पर नहीं होता है जहाँ वह रहता है, अन्य स्थान पर उसका अधिक सम्मान होता है।
आं तिला में तेल कोनी।
हिंदी अर्थ :
इन तिलों में तेल नहीं है। आशय है की यहाँ पर लाभ नहीं होने वाला है।
आंख गयी संसार गयो, कान गया हँकार गयो ।
हिंदी -
आखों के फूट जाने पर मानों यह संसार ही चला जाता है और कानों के चले जाने पर मानों की अहंकार ही समाप्त हो जाता है। 
आंगल्यां सूं नूं परै कोनी हुवै।
हिंदी अर्थ :
अँगुलियों से नाखून दूर नहीं होते हैं। ऐसे ही रिश्तों में भले बुरे लोग होते हैं लेकिन रिश्ता नहीं छूटता है।
आंट में आयोड़ो लो टूटै।
हिंदी अर्थ :
फंसा हुआ बलवान व्यक्ति भी हराया जा सकता है। जैसे आंट में आने पर लौह भी टूट जाता है। 
आंटै आई मैरे बिलाई।
हिंदी अर्थ :
बिल्ली जब फस जाती है तो मारी जाती है। शक्तिशाली व्यक्ति भी फसने पर हानि उठाता है।
आंधा आगे ढोल बाजै, आ डमडमी क्यां की?
हिंदी अर्थ :
अंधे के आगे ढोल बजाने पर क्या फायदा होने वाला है, कुछ नहीं।
आंधा की गफ्फी, बहरा को बटको । राम छुटावै तो छूटै नहीं सिर ही पटको ।।
हिंदी अर्थ :
अंधे व्यक्ति के द्वारा गले मिलना और बहरे व्यक्ति के द्वारा दाँतों से काट खाने पर इश्वर की मदद कर सकता है क्योंकि दोनों को ही अगले के परिणाम का बोध नहीं होता है। 
आंधा नै तो लाठी चाये।
हिंदी अर्थ :
अंधे को क्या चाहिये, एक लाठी। जरूरत के मुताबिक़ ही वस्तुओं की आवश्यकता होती है।
आंधा पीसै कुत्ता खाय।
हिंदी अर्थ :
अंधा पीसता है और कुता खाता है। भाव है की लापरवाह व्यक्ति का फायदा दुसरे लोग उठाते हैं। 
आंधा मेँ काणोँ राव |
हिंदी अर्थ :
निकम्मे लोगों के मध्य में कम गुणी व्यक्ति की भी इज्जत होती है।
आंधा सुसरा में क्यांकी लाज। राव से आशय राजा से है।
हिंदी अर्थ :
अंधे ससुर से किस बात की शर्म क्योंकि उसे कुछ दिखाई भी नहीं देता है। भाव है की जहाँ पर कोई देखने वाला नहीं है वहां पर लोग मनमानी करते हैं। 
आंधी आई ही कोनी, सूंसाट पैली ही माचगो ।
हिंदी अर्थ :
कार्य होने से पहले ही परिणाम की चिंता करना।
आंधो बांटै सीरणी, घरकां नै ही दे।
हिंदी अर्थ :
अंधे के द्वारा कुछ बांटने पर स्वंय के लोगों को ही दिया जाता है। अविवेकी व्यक्ति उचित निर्णय नहीं ले पाता है।
आई रुत खेती, क्यूं करै पछैती।
हिंदी अर्थ:
खेती की रुत आ गयी है तुम क्यों बाद की फसल को पैदा करते हो ? आशय है की उचित अवसर पर कार्य करना चाहिए, उसमें कुछ देरी नहीं करनी चाहिए।
आई ही छाय नै, घर की धिराणी बण बैठी।
हिंदी अर्थ:
घर पर छाछ मांगने के लिए आई और घर की मालकिन बन बैठी है। आशय है की बगैर हक के मालिक बन जाना।
आक को कीड़ो आक में, ढाक को कीड़ो ढाक में ।
हिंदी अर्थ:
आक का कीड़ा आक में, ढाक का कीड़ा ढाक में ही उचित लगता है। जो जहाँ का है, जिस योग्य है वह उसी को प्राप्त होता है।
आक में ईख, फोग में जीरो।
हिंदी अर्थ:
आक/मंदार में गन्ना और फोग में जीरा। मूल्यहीन स्थान पर मूल्यवान वस्तु का होना।
आक सींचै पण पीपल कोनी सींचै।
हिंदी अर्थ:
उल्टे काम करना, अच्छे कामों को छोड़ कर बुरे कार्यों को करना।
आकाश में थूकै जणा आपके ई मूं पर पड़ै।
हिंदी अर्थ :
आकाश में थूकने पर स्वंय पर ही पड़ता है। अधिक घमंड करने पर घमंड का परिणाम उल्टा उसी व्यक्ति को ही भोगना पड़ता है।
आकास में बिजली चिमकै, गधेड़ो लात बावै।
हिंदी अर्थ :
व्यर्थ में प्रतिक्रिया देना। आकास में बिजली के चमकने पर गधा स्वंय की लात मारता है। जबकि आकाश की बिजली को गधे से कुछ लेना देना नहीं होता है।
आखर रामजी कै घर न्याव है।
हिंदी अर्थ :
आखिर राम के दरबार/इश्वर के दरबार में ही न्याय होता है। 
आज मरयो दिन दूसरो |
हिंदी अर्थ:
जो हो गया है सो हो गया है, नए दिन के साथ नई शुरुआत करनी चाहिए।
आज मरै जकै ने काल कद आवै।
हिंदी अर्थ :
जो आज ही मर रहा है उसे कल से क्या लेना देना। जिसे आज किसी वस्तु/मदद की जरूरत है उसे कल से क्या लेना देना।
आज हमां और काल थमां |
हिंदी अर्थ :
आज हमारी बारी, कल तुम्हारी बारी।
आज ही मोडियो मूंड मूंडायो आज ही ओला पड्या।
हिंदी अर्थ :
आज ही साधू ने मूंड मुंडाई और आज ही ओले पड़ गए हैं। किसी अवसर पर कोई अप्रिय घटना का घट जाना।
आडा आया माँ का जाया |
हिंदी अर्थ :
सगे भाई, माँ जाए ही विपरीत समय में सहायक होते हैं। 
आडू कै तो खाय मरै, कै उठा मरै।
हिंदी अर्थ :
मूर्ख व्यक्ति या तो ज्यादा खाकर मरता है या फिर ज्यादा वजन उठा कर मरता है। मूर्ख व्यक्ति नियमों के विरुद्ध आचरण करता है।
आडू चाल्या हाट, न ताखड़ी न बाट।
हिंदी मीनिंग :
आड़ू या मूर्ख बाजार में दूकान को चले, जिनके पास कोई तकड़ी और बाट नहीं है जिसकी जरूरत दूकान में सर्वाधिक होती है। भाव है की अविवेकी और अज्ञानी व्यक्ति को कार्य का अनुभव नहीं होता है।
आदै थाणी न्याय होय।
हिंदी अर्थ :
बेईमान व्यक्ति को उसकी बेईमानी का न्याय मिलता है।
आप की चाय गधा नै बाप बणावै।
हिंदी अर्थ :
स्वंय के लाभ के लिए गधे को भी बाप बनाना पड़ता है।
आप गुरुजी कातरा मारै, चेला नै परमोद सिखावै।
हिंदी अर्थ :
गुरूजी खुद निठल्ले बैठे रहते हैं और चेले को कार्य का उपदेश देते हैं। ज्ञान का उपयोग स्वंय पर नहीं करना, कथनी और करनी में अंतर होना।
आप डुबन्तो पांडियो ले डूब्यो जजमान।
हिंदी अर्थ :
पंडा अपने कर्मों से खुद तो डूबता ही है और जजमान को भी ले डूबता है। पापी और दोषयुक्त व्यक्ति अपने साथ वाले व्यक्तियों को भी मुसीबत में डाल देता है।
आप भलो तो जग भलो।
हिंदी :
जब व्यक्ति खुद सही होता है उसके लिए सम्पूर्ण जगत ही ठीक होता है।
आप मरयां बिना सुरग कठै।
हिंदी अर्थ :
स्वंय के प्रयत्न करने पर ही लाभ होता है। 
आपकी एक फूटी को दुख कोनी, पड़ोसी को दोनों फूटी चाये।
हिंदी अर्थ :
अपनी एक आँख फूटने का दुख नहीं है, पडोसी की दोनों फूटनी चाहिये। व्यक्ति दूसरों का बुरा सोचने में लगा रहता है।
आपकी गली में कुत्ता नार।
हिंदी अर्थ :
अपनी गली में तो कुत्ता भी शेर होता है।
आपकी छाय नै कोइ खाटी कोनी बतावै।
हिंदी अर्थ :
स्वंय की छाय/मत्ठा को कौन खट्टा कहता है। आशय है की लोग अपने अवगुणों को नहीं देखते हैं।
आपकी जांघ उघाड्यां आप ही लाजां मरै।
हिंदी अर्थ :
स्वंय से सबंधित व्यक्तियों और कार्यों को जगजाहिर करने पर स्वंय को ही शर्मिंदा होना पड़ता है। स्वंय की जांघ के उपर से कपड़ा को हटाने पर स्वंय को ही शर्म आती है।
आपकी मां ने डाकण कुण बतावै?
हिंदी अर्थ :
अपनी माँ को कौन डायन बताता है।
 
 

राजस्थानी मुहावरे/लोकोक्तियाँ/कहावतें हिंदी अर्थ सहित Rajasthani Muhavare Lokoktiyan With Hindi Meaning.

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