तू ही मेरी मैया जी तू ही शेरावाली

तू ही मेरी मैया जी तू ही शेरावाली

तू ही मेरी मैया जी,
तू ही शेरावाली वे तेरे,
भक्त खड़े दरबार, शेरांवालिये,
तू ही मेरी मैया जी,
तू ही दुर्गे काली वे,
तेरे भक्त खड़े दरबार, शेरांवालिये,
तू ही मेरी मैया जी...... ।

केड़े उगा दे विच बाई शेरावालि पिया,
केड़े युग प्रकट हुई शेरावाली,
वे तेरे तेरे भगत खड़े दरबार शेरावालिये
तुही मेरी मैया जी तुही दुर्गे काली  
वे तेरे भगत खड़े दरबार शेरावालिये
तू ही मेरी मैया जी,
तू ही दुर्गे काली वे,
तेरे भक्त खड़े दरबार, शेरांवालिये,
तू ही मेरी मैया जी...... ।

सत वे ऊगा दे विच बनी शेरावाली मैया,
कलयुग प्रकट हुई, शेरावाली,
वे तेरे भगत खड़े दरबार शेरावालिये
तू ही मेरी मैया जी,
तू ही दुर्गे काली वे,
तेरे भक्त खड़े दरबार, शेरांवालिये,
तू ही मेरी मैया जी...... ।

पान सुपारी मैया, दध नरेया,
पान सुपारी मैया, दध नरेया,
पहलड़ी रेत च शेरावाली,
वे तेरे भगत खड़े दरबार शेरावालिये
तू ही मेरी मैया जी,
तू ही दुर्गे काली वे,
तेरे भक्त खड़े दरबार, शेरांवालिये,
तू ही मेरी मैया जी...... ।

भजन श्रेणी : माता रानी भजन (Mata Rani Bhajan)


Shera Waali || Official Video ||Navrati Special || Hansraj Raghuwanshi || Baba ji 
 
माँ दुर्गा का शेरोंवाला स्वरूप मन को भक्ति और शक्ति के रंग में रंग देता है। सतयुग से लेकर कलयुग तक, हर युग में माँ प्रकट होकर भक्तों के दुख हरती हैं और उनके जीवन को आलोकित करती हैं। जैसे भक्त पान, सुपारी और दूध-नारियल लेकर उनके दरबार में खड़े होते हैं, वैसे ही उनका मन माँ की कृपा की आस में डूब जाता है। माँ काली का वह रौद्र रूप, जो पापों का नाश करता है, और माँ दुर्गा का वह करुणामयी स्वरूप, जो भक्तों की रक्षा करता है, दोनों एक साथ मन में श्रद्धा जगाते हैं। माँ के दरबार में अरदास करने वाला हर भक्त यह विश्वास रखता है कि उनकी शरण में आकर जीवन की हर मुश्किल आसान हो जाती है। माँ शेरोंवाली की भक्ति मन को ऐसा बल देती है कि वह संसार की हर लहर को पार कर शांति और सुख का किनारा पा लेता है।

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