खुशियों से हर कोई नाँचता है भजन

खुशियों से हर कोई नाँचता है भजन

खुशियों से हर कोई नाँचता है,
सब ने घर घर में दीपक जलाये,
काट बनवास चौदह बरस का,
आज राम अयोध्या में आये,
खुशियों से हर कोई नाँचता है।

आज दुल्हन की तरह सजी है,
राम जी की अयोधया ये देखो,
आई है आज दिवाली चारों,
तरफ दीप जगमगाए
खुशियों से हर कोई नाँचता है,
सब ने घर घर में दीपक जलाए।

राम जी जैसा कोई नहीं है,
जिसने मर्यादा हर इक निभाई,
रीत रघुकुल की सब जानते है,
प्राण जाए वचन पर न जाए
खुशियों से हर कोई नाँचता है,
सब ने घर घर में दीपक जलाए।

उनका हनुमान कल्याण करते
राम जी का जो गुणगान करते,
शर्मा केशव हुए धन्य दोनों
हर घड़ी राम का नाम ध्याए,
खुशियों से हर कोई नाँचता है,
सब ने घर घर में दीपक जलाए।

खुशियों से हर कोई नाँचता है,
सब ने घर घर में दीपक जलाए,
काट बनवास चौदह बरस का,
आज राम अयोध्या में आये।
खुशियों से हर कोई नाँचता है।

भजन श्रेणी : राम भजन (Ram Bhajan)


 
खुशियों से हर कोई नाचता है सब ने घर घर में दीपक जलाए #Ram ji Diwali

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