ना देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे आती है, ना देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे आती है, ना देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे आती है।
विपत आई अंधी आंधो पे, लाल श्रवण सा पाया था, विपत आई अंधी आंधो पे, लाल श्रवण सा पाया था,
ना देना दोष दशरथ को, विपत तो सब पे आती है, न देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे आती है, ना देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे आती है।
विपत आई राजा दशरथ पे, राम जब जा रहे थे वन को, विपत आई राजा दशरथ पे, राम जब जा रहे थे वन को, न देना दोष केकई को, विपत तो सब पे आती है, ना देना दोष किस्मत को,
Chetawani Bhajan,devotional Bhajan Lyrics in Hindi
विपत तो सब पे आती है, ना देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे आती है।
विपत आई नार द्रोपदी पे, सभा मे चीर हरण करते, विपत आई नार द्रोपदी पे, सभा मे चीर हरण करते, न देना दोष कौरव को, विपत तो सब पे आती है, ना देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे आती है, ना देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे आती है।
विपत आई पांचों पांडवो पे, छूटा घर देश भी अपना, विपत आई पांचों पांडवो पे, छूटा घर देश भी अपना, न देना दोष जुए को, विपत तो सब पे आती है, न देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे आती है, ना देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे आती है।
ना देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे आती है, ना देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे आती है, ना देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे आती है।