करमा बेटी जाट की,
थी भोली नादान,
भगतां की पत राख ली,
म्हारा खाटू वाळा श्याम।
थाली भर कर ल्याई रे खीचड़ो,
ऊपर घी की बाटकी,
जीमों म्हारा श्याम धणी,
जिमावे बेटी जाट की,
या करमा बेटी जाट की।
बाबो म्हारो गाँव गयो है,
ना जाना कद आवेलो,
ऊके भरोसे बैठयो रहयो तो,
भूखो ही रह जावेलो,
आज जिमाऊं तने रे खीचड़ो,
काल राबड़ी छाछ की,
जीमों म्हारा श्याम धणी,
जिमावे बेटी जाट की,
या करमा बेटी जाट की।
बार बार मंदिर ने जड़ती,
बार बार मैं खोलती,
कईया कोनी जीमे रे मोहन,
करड़ी करड़ी बोलती,
तू जीमे लो जद मैं जीमूं,
मानूं ना कोई लाड की,
जीमों म्हारा श्याम धणी,
जिमावे बेटी जाट की,
या करमा बेटी जाट की।
परदो भूल गई सांवरियां,
परदो फेर लगायो जी,
धावलीया की ओल बैठ के,
श्याम खीचड़ों खायो जी,
भोला भाला भगता स,
सांवरिया कइयां आंट की।
जीमों म्हारा श्याम धणी,
जिमावे बेटी जाट की,
या करमा बेटी जाट की।
भक्ति हो तो करमा जैसी,
सांवरियों घर आवेलो,
सोहन लाल लोहकार प्रभु का,
हर्ष हर्ष गुण गावे लो,
सांचों प्रेम प्रभु से हो तो,
मूरत बोले काठ की,
जीमों म्हारा श्याम धणी,
जिमावे बेटी जाट की,
या करमा बेटी जाट की।
थाली भर कर ल्याई रे खीचड़ो,
उपर घी की बाटकी,
जीमों म्हारा श्याम धणी,
जिमावे बेटी जाट की,
या करमा बेटी जाट की।
भगतां की पत राख ली,
म्हारा खाटू वाळा श्याम।
थाली भर कर ल्याई रे खीचड़ो,
ऊपर घी की बाटकी,
जीमों म्हारा श्याम धणी,
जिमावे बेटी जाट की,
या करमा बेटी जाट की।
बाबो म्हारो गाँव गयो है,
ना जाना कद आवेलो,
ऊके भरोसे बैठयो रहयो तो,
भूखो ही रह जावेलो,
आज जिमाऊं तने रे खीचड़ो,
काल राबड़ी छाछ की,
जीमों म्हारा श्याम धणी,
जिमावे बेटी जाट की,
या करमा बेटी जाट की।
बार बार मंदिर ने जड़ती,
बार बार मैं खोलती,
कईया कोनी जीमे रे मोहन,
करड़ी करड़ी बोलती,
तू जीमे लो जद मैं जीमूं,
मानूं ना कोई लाड की,
जीमों म्हारा श्याम धणी,
जिमावे बेटी जाट की,
या करमा बेटी जाट की।
परदो भूल गई सांवरियां,
परदो फेर लगायो जी,
धावलीया की ओल बैठ के,
श्याम खीचड़ों खायो जी,
भोला भाला भगता स,
सांवरिया कइयां आंट की।
जीमों म्हारा श्याम धणी,
जिमावे बेटी जाट की,
या करमा बेटी जाट की।
भक्ति हो तो करमा जैसी,
सांवरियों घर आवेलो,
सोहन लाल लोहकार प्रभु का,
हर्ष हर्ष गुण गावे लो,
सांचों प्रेम प्रभु से हो तो,
मूरत बोले काठ की,
जीमों म्हारा श्याम धणी,
जिमावे बेटी जाट की,
या करमा बेटी जाट की।
थाली भर कर ल्याई रे खीचड़ो,
उपर घी की बाटकी,
जीमों म्हारा श्याम धणी,
जिमावे बेटी जाट की,
या करमा बेटी जाट की।
भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)
भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)
थाली भरकर लायी खीचड़ो Thaali Bharkar Laayi Khichdo || Naresh Narsi || Khatu Shyam Bhajan
Author - Saroj Jangir
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