बांके बिहारी से निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ लिरिक्स Banke Bihari Se Bhajan Lyrics, Krishna Bhajan by Sarala Dahiya ji
सखी री बांके बिहारी से,हमारी लड़ गयी अंखियाँ,
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ,
बचायी थी बहुत लेकिन,
निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ,
बचायी थी बहुत लेकिन,
निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ,
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ।
ना जाने क्या किया जादू,
यह तकती रह गयी अखियाँ,
ना जाने क्या किया जादू,
यह तकती रह गयी अखियाँ,
चमकती हाय बरछी सी,
कलेजे गड़ गयी आखियाँ,
चमकती हाय बरछी सी,
कलेजे गड़ गयी आखियाँ,
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ,
बचायी थी बहुत लेकिन,
निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ।
चहुं दिश रस भरी चितवन,
मेरी आखों में लाते हो,
चहुं दिश रस भरी चितवन,
मेरी आखों में लाते हो,
कहो कैसे कहाँ जाऊं,
यह पीछे पद गयी अखियाँ,
कहो कैसे कहाँ जाऊं,
यह पीछे पद गयी अखियाँ,
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ,
बचायी थी बहुत लेकिन,
निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ।
भले तन से निकले प्राण,
मगर यह छवि ना निकलेगी,
भले तन से निकले प्राण,
मगर यह छवि ना निकलेगी,
अँधेरे मन के मंदिर में,
मणि सी गड़ गयी अखियाँ,
अँधेरे मन के मंदिर में,
मणि सी गड़ गयी अखियाँ,
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ,
बचायी थी बहुत लेकिन,
निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ।
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ,
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ,
बचायी थी बहुत लेकिन,
निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ,
बचायी थी बहुत लेकिन,
निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ,
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ।
भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)
भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)