हर मुश्किल का हल लम्बोदर

हर मुश्किल का हल लम्बोदर

सूझ बूझ के गणपति पीताम्बर,
सूझ बूझ के गणपति पीताम्बर,
विद्या के धनी है जेष्ठ पुत्र शंकर,
देवा के अंदर दिमाग भयंकर,
हर मुश्किल का हल, लम्बोदर,
हर मुश्किल का हल, लम्बोदर।

मयूर पर बिराजे कार्तिक भैया,
बोले लगाते हैं धरती का चक्कर,
अचरच में पड़ गये गजानन भैया,
मूषक संग कैसे चले लम्बोदर,
फिर देवा ने दिमाग दिखाकर
साबित किया वो है विद्याधर,
देवा के अंदर दिमाग भयंकर,
हर मुश्किल का हल लम्बोदर,
देवा के अंदर दिमाग भयंकर,
हर मुश्किल का हल लम्बोदर,
हर मुश्किल का हल लम्बोदर।

गणपति से बोली पार्वती मैया,
मेरा क्यूं लगा रहे हो चक्कर,
वोले गजानन मां ही तो धरती है,
ये है धरा के एक चक्कर के बराबर,
इस तरह कार्तिक को हराकर,
गणपति कहलाये विद्याधर,
देवा के अंदर दिमाग भयंकर,
हर मुश्किल का हल लम्बोदर,
देवा के अंदर दिमाग भयंकर,
हर मुश्किल का हल लम्बोदर,
हर मुश्किल का हल लम्बोदर।

सूझ बूझ के गणपति पीताम्बर,
सूझ बूझ के गणपति पीताम्बर,
विद्या के धनी है जेष्ठ पुत्र शंकर,
देवा के अंदर दिमाग भयंकर,
हर मुश्किल का हल, लम्बोदर,
हर मुश्किल का हल, लम्बोदर।

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हर मुश्किल का हल लम्बोदर Har Mushkil ka Hal ~ हर मुश्किल का हल, लम्बोदर ~

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