हम सभी का जन्म तव प्रतिबिम्ब सा बन जाय लिरिक्स Hum Sabhi Ka Janm Lyrics

हम सभी का जन्म तव प्रतिबिम्ब सा बन जाय लिरिक्स Hum Sabhi Ka Janm Lyrics Desh Bhakti Baal Geet

 
हम सभी का जन्म तव प्रतिबिम्ब सा बन जाय लिरिक्स Hum Sabhi Ka Janm Lyrics

हम सभी का जन्म तव,
प्रतिबिम्ब सा बन जाय,
और अधुरी साधना,
चिर पूर्ण बस हो जाय।

बाल्य जीवन से लगाकर,
अन्त तक की दिव्य झांकी,
मूक आजीवन तपस्या,
जा सके किस भाँति आँकी,
क्षीर सिंधु अथाह विधि से,
भी न नापा जाय,
चाह है उस सिंधु की हम,
बूँद ही बन जाय।

एक भी क्षण जन्म में नही,
आपने विश्राम पाया,
रक्त के प्रत्येक कण को,
हाय पानी सा सुखाया,
आत्म आहुती दे बताया,
राष्ट्र मुक्ति उपाय,
एक चिनगारी हमें,
उस यज्ञ की छू जाय।

थे अकेले आप लेकिन,
बीज का था भाव पाया,
बो दिया निज को अमर,
वट संघ भारत में उगाया,
राष्ट्र ही क्या अखिल जग का,
आसरा हो जाय,
और उसकी हम,
टहनियाँ पत्तियाँ बन जाय।

आपके दिल की कसक हो,
वेदना जागृत हमारी,
याचि देही याचि डोला,
मन्त्र रटते हैं पुजारी,
बढ़ रहे हम आपका,
आशीष स्वग्रिक पाय,
जो सिखया आपने,
प्रत्यक्ष हम कर पाय।
साधना की पूर्ति फिर,
लव मात्र में हो जाय।

हम सभी का जन्म तव,
प्रतिबिम्ब सा बन जाय,
और अधुरी साधना,
चिर पूर्ण बस हो जाय।


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