सात समंदर कूद फांद के, लंकानगरी आ गए, देखो, लंकानगरी आ गए, ऐसा किया बवाल, देख लंकावासी घबरा गए, हनुमत लंकानगरी आ गये।
लँकापुर पहुंचे हनुमत जी, किया प्रभु का ध्यान, मात सिया को खोजे पवनसुत लंका में अनजान, असुरों संग बैठी मेरी माँ ये देख क्रोध में आ गए, सात समंदर कूद फांद के,
लंकानगरी आ गए, देखो, लंकानगरी आ गये।
राम निशानी लिए पवनसुत पहुंचे माँ के पास, देख निशानी जनकनन्दिनी व्याकुल भई उदास, हनुमत मेरे प्राण, नाथ को छोड़ कहाँ तुम आ गए, सात समंदर कूद फांद के, लंकानगरी आ गए, देखो, लंकानगरी आ गये।
भूख लगी ले आज्ञा पवनसुत
Mukesh Kumar Bhajan Lyrics,New Trending Bhajan Lyrics in Hindi (Viral Bhajan with Lyrics)
चले बगिया की और, तोड़ तोड़ फल खाने लगे और फेंके चारों और, देख तबाही, देख तबाही बगिया की रावण के सैनिक आ गए, बनाके बंदी रावण सन्मुख खूब किया अपमान, सहन हुआ नही रावण से लगवा दी पूंछ में आग, क्रोधित बजरंगी, सात समंदर कूद फांद के, लंकानगरी आ गए, देखो, लंकानगरी आ गये।
क्रोधित बजरंगी लंका में आग लगाके आ गए, सात समंदर लांघ के हनुमत लंकानगरी आ गए, सात समंदर लांघ के हनुमत लंकानगरी आ गए, हनुमत लंकानगरी आ गए, सात समंदर कूद फांद के, लंकानगरी आ गए, देखो, लंकानगरी आ गये।
सात समंदर कूद फांद के, लंकानगरी आ गए, देखो, लंकानगरी आ गए, ऐसा किया बवाल, देख लंकावासी घबरा गए, हनुमत लंकानगरी आ गये।