सर पे हिमालय का छत्र है

सर पे हिमालय का छत्र है

जय भारती,
वन्दे भारती....
सर पे हिमालय का छत्र है,
चरणों में नदियाँ एकत्र हैं,
हाथों में वेदों के पत्र हैं,
देश नहीं ऐसा अन्यत्र है
जय भारती वन्दे भारती
जय भारती, वन्दे भारती............।

धुंए से पावन ये व्योम है,
घर घर में होता जहाँ होम है,
पुलकित हमारे रोम रोम है,
आदि अनादि शब्द ॐ है
जय भारती वन्दे भारती
जय भारती, वन्दे भारती............।

जिस भूमि पे जन्म लिया राम ने,
गीता सुनायी जहाँ श्याम ने ,
पावन बनाया चारो धाम ने,
स्वर्ग भी ना आये जिसके सामने
जय भारती  वन्दे भारती
जय भारती, वन्दे भारती............।



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