ना मैं धाम धरती न धन चाहता हूँ लिरिक्स Na Main Dhaam Dharti Lyrics
ना मैं धाम धरती न धन चाहता हूँ लिरिक्स Na Main Dhaam Dharti Lyrics,
ना मैं धाम धरती न धन चाहता हूँ,कृपा का तेरी एक कण चाहता।
रटे नाम तेरा वो चाहूँ मैं रसना,
सुने यश तेरा, वह श्रवण चाहता हूँ।
विमल ज्ञान धारा से मस्तिष्क उर्वर,
व श्रद्धा से भरपूर मन चाहता हूँ।
नहीं चाहना है मुझे स्वर्ग छवि की,
मैं केवल तुम्हें प्राणधन चाहता हूँ।
प्रकाश आत्मा में अलौकिक तेरा है,
परम ज्योति प्रत्येक क्षण चाहता हूँ।
ना मैं धाम धरती न धन चाहता हूँ,
कृपा का तेरी एक कण चाहता।
न मैं धाम-धरती न धन चाहती हूँ, कृपा का तेरी एक कण चाहती हूँ
आपने भजन " न मैं धाम-धरती न धन चाहती हूँ, कृपा का तेरी एक कण चाहती हूँ " के लिरिक्स देखे ऐसे ही अन्य भजनों की लिरिक्स देखने के लिए आप इस साईट पर विजिट जरुर करते रहें. प्रसिद्ध भजन Bhajan भजन जिसका टाइटल न मैं धाम-धरती न धन चाहती हूँ, कृपा का तेरी एक कण चाहती हूँ है के लिरिक्स/बोल यहाँ दिए गए हैं। इस भजन के गायक और लेखक के विषय में जानकारी को निचे दिया गया है। आशा है यह भजन आपको अवश्य ही पसंद आएगा।
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