ना मेरी तकदीर का, ना सारे जहान का, मेरे घर में जो कुछ भी है, दिया हुआ है श्याम का।
दबी पड़ी है झोपड़ी, बाबा के एहसान से, भरा पड़ा है घर मेरा, बाबा के सामान से, रोम रोम मेरा कर्जदार है, बाबा का एहसान है, मेरे घर में जो कुछ भी है, दिया हुआ है श्याम का।
ना मेरी तकदीर का, ना सारे जहान का, मेरे घर में जो कुछ भी है, दिया हुआ है श्याम का, मेरे घर में जो कुछ भी है, दिया हुआ है श्याम का।
{ !! दो दिवसीय चतुर्थ श्री श्याम अमृत महोत्सव !! } भजन :- ना मेरी तकदीर का ना सारे जहान का I भजन गायका :- राज पारीक ( कोलकाता ) I आयोजक :- लखदातार संस्था फतेहाबाद ( रजि ) I म्यूजिकल ग्रुप :- नरेश म्यूजिकल ग्रुप दिल्ली I ध्वनि :- अभी साउंड दिल्ली ।
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