कलयुग का अवतार मेरा लखदातार लिरिक्स Kalyug Ka Avtar Lyrics

कलयुग का अवतार मेरा लखदातार लिरिक्स Kalyug Ka Avtar Lyrics

कलयुग का अवतार,
मेरा लखदातार,
सुन्दर सजा दरबार,
खाटू श्याम का भक्तों,
डंका बजे दुनिया में,
श्याम नाम का भक्तों,
पावन है नाम चल रे,
चल खाटू धाम चल रे।

हम यात्रा गाते हैं,
खाटू धाम की भक्तों,
जय बोलकर के शुरु करेंगे,
श्याम की भक्तों।

गाते हैं जिनकी वंदना,
सुर और मुनि जन,
श्रेष्ठ है कलियुग में,
श्याम नाम का वंदन,
बिगड़ी हुई तक़दीर,
संवरती है धाम पे,
होती सुबह शुरु यहाँ पे,
श्याम नाम से,
जग में है ऊँची शान,
खाटू श्याम की भक्तों,
जय गूँजती यहाँ पे,
श्याम नाम की भक्तों।

मिलती नहीं जग में कहीं,
ऐसी मिशाल है,
बाबा का बेमिशाल,
यहाँ पे कमाल है,
आओ करे हम यात्रा,
श्री श्याम नाम ले,
भली करेंगे श्याम जी,
का हाथ थाम ले,
पावन है नाम चल रे,
चल खाटू धाम चल रे,
पावन है नाम चल रे,
चल खाटू धाम चल रे।

दुखड़े सदा हर ले,
जो श्याम नाम है ऐसा,
बिगड़ी को दे सँवार,
श्याम नाम है ऐसा,
जब श्याम श्याम श्याम,
श्याम नाम को,
चल खाटू धाम धाम धाम,
खाटू धाम को,
शीश के दानी,
दयालु श्याम हैं मेरे,
पूर्ण करेंगे श्याम जी,
हर काम को तेरे,
ऐसा दयालु दानी,
जग में और नहीं है,
अहिलवती के लाल सा,
दूजा ना कहीं है,
भक्तों के नाव की हैं,
पतवार श्याम जी,
देते हैं सदा लख लख,
लखदातार श्याम जी,
पावन है नाम चल रे,
चल खाटू धाम चल रे,
पावन है नाम चल रे,
चल खाटू धाम चल रे।

पावन धरा मरुधरा,
पे धाम है पावन,
जप श्याम श्याम श्याम,
श्याम नाम है पावन,
सीकर है जिला,
एक मरुदेस में जहाँ,
एक गाँव खाटू धाम,
के नाम से वहाँ,
अहिलवती के लाल का,
दरबार है यहाँ,
सुन्दर सजीला,
श्याम सरकार है यहाँ,
हारे को सहारा,
सदा देते हैं श्याम जी,
हर पल सदा खाटू में,
रहते हैं श्याम जी,
इक बार श्याम जी के,
जो दरबार आ गया,
हर बार आ गया,
वो बार बार आ गया,
पावन है नाम चल रे,
चल खाटू धाम चल रे।
पावन है नाम चल रे,
चल खाटू धाम चल रे।

चढ़ते हैं ध्वजा नारियल,
निशान यहाँ पे,
है श्याम की अद्भुत,
निराली शान यहाँ पे,
बैठा हो जैसे सेठ,
दरबार लगा के,
बैठा है मेरा श्याम,
जरा देख ले आके,
झाँकी सजी है श्याम की,
नजरें नहीं भरती,
जितना भी देखता हूँ,
कामना यही करती,
बस देखता रहूं मैं श्याम,
श्याम की सूरत,
मन भा गई मेरे तो,
श्याम श्याम की मूरत,
विश्वास लेकर श्याम जी,
के द्वार पे आ,
जग जायेगी सोइ हुई,
तक़दीर भी यहाँ,
पावन है नाम चल रे,
चल खाटू धाम चल रे,
पावन है नाम चल रे,
चल खाटू धाम चल रे।

खाटू के जैसा धाम,
जग में दूसरा नहीं,
दरबार श्याम जी के,
जैसा और ना कहीं,
आओ करे हम यात्रा,
खाटू के धाम की,
जय बोलकर शुरू करेंगे,
श्याम नाम की,
जयपुर बीकानेर,
राजमार्ग पे रींगस,
श्याम जी के धाम पे,
जाती यहाँ से बस,
रिंगस के लिए,
रेलमार्ग भी रहे उत्तम,
होती है रेलगाड़ियों की,
यात्रा भी सुगम,
रींगस से अठारह,
किलोमीटर पर धाम है,
मेरे बाबा श्याम रहते हैं,
वो खाटू गाँव है,
है धन्य खाटू गाँव,
धन्य गाँव की भूमि,
श्री श्याम ने अपने लिए,
जगह यही चुनी,
पावन है नाम चल रे,
चल खाटू धाम चल रे,
पावन है नाम चल रे,
चल खाटू धाम चल रे।

हर माह में आती है,
शुक्ल पक्ष की ग्यारस,
इस रोज खाटू धाम में,
रहता है बड़ा रश,
लगते यहाँ मेले बड़े,
हर साल में दो,
आओ चले श्री श्याम के,
दर्शन का लाभ लो,
कार्तिक सुदी एकादशी,
लो आ गई पावन,
श्याम जन्म देखकर,
हर्षित हुआ है मन,
फागण माह और,
शुक्ल पक्ष की है दशमी,
मेला लगे ऐसा,
ना जाए बात भी बरनी,
द्वार पे आते हैं भक्त दूर दूर से,
गुजरात महाराष्ट्र,
कोई कानपुर से,
पावन है नाम चल रे,
चल खाटू धाम चल रे,
पावन है नाम चल रे,
चल खाटू धाम चल रे।

बंगाल कोलकाता,
गोहाटी आसाम से,
हरियाणा से भी आते हैं,
बाबा के धाम पे,
साउथ से दिल्ली से,
कोई बैंगलूर से,
धाम पे आते हैं,
भक्त दूर दूर से,
मरू प्रदेश के बसे,
जन जन में श्याम जी,
हर पल सदा रहते,
इनके मन में श्याम जी,
भक्तों की हर घड़ी,
लगी रहती कतार है,
सबको भला लगता है,
वो खाटू का द्वार है,
साफ मन से जो,
कामना लेके आ गया,
समझो वो दूजे पल में,
जो माँगा सो पा गया,
पावन है नाम चल रे,
चल खाटू धाम चल रे,
पावन है नाम चल रे,
चल खाटू धाम चल रे।
 



Kalyug Ka Avtar Mera Lakh Data (Yatra Shri Khaatu Shyam)

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