रही बख्शदा तू किते होए कसूर मालिकां

रही बख्शदा तू किते होए कसूर मालिकां

रही बख्शदा तू किते होए कसूर मालिकां,
सहनु चरना तो करी न तू दूर मालिकां,।।

भावे मने या न मने साड़ी गल कोई वी,
भावे करे न मुश्किलां दा हल कोई वी,
हाल दिल दा सुनावांगे जरूर मालिकां,
सहनु चरना तो करी न तू दूर मालिकां,
रही बख्शदा तू किते होए कसूर मालिकां,।।

बचिया लाई हर भूल भूल जानी चाह्दी,
शान वड्डिया नु वड्डी दिखानी चाहीदी,
दुख दुखियां दे करे चूर चूर मालिकां,
सहनु चरना तो करी न तू दूर मालिकां,
रही बख्शदा तू किते होए कसूर मालिकां,।।

एक पासे शान तेरी एक पासे ऐ मेरे,
एक पासे नूर तेरा एक पासे हनेरे,
तू ही दस कौन ज्यादा है मशहूर मालिकां,
सहनु चरना तो करी न तू दूर मालिकां,।।

एक तेरे ही भरोसे हर कम कर दीआ,
भाव सागरा दे विच वी न डर थरदीआ,
तू ही मंच तू ही साहिल दा नूर मालिकां,
सहनु चरना तो करी न तू दूर मालिकां,।।


Rahi Baksh Da | Popular Sai Bhajan 2018 | Ranjeet Raja | Devotional Song #Jmd Bhakti

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About Bhajan -

➤Song Name: Rahi Baksh Da
➤Singer Name: Ranjeet Raja
➤Lyrics : Shri Pardeep Sahil
➤Album : Jashan-E-Sai
 
यह भजन एक सच्चे भक्त के दिल की गहराई से निकली विनती है, जिसमें वह अपने मालिक—साईं बाबा—से रहमत और साथ की भीख माँगता है। इसमें भाव है कि चाहे कोई भी गलती हो जाए, कोई कसूर हो, फिर भी बाबा अपनी माफी और दया से हमेशा साथ बनाए रखें और अपने चरणों से कभी दूर न करें।

भक्त कहता है कि चाहे उसकी बात कोई माने या न माने, चाहे मुश्किलों का हल मिले या न मिले, वह अपने दिल का हाल बाबा को जरूर सुनाएगा, क्योंकि वही उसका सबसे बड़ा सहारा हैं। साईं बाबा की महानता इसी में है कि वे बड़े-बड़े लोगों को भी उनकी औकात दिखा सकते हैं, लेकिन असली शान तो दुखियों के दुख दूर करने में है—वे टूटे हुए दिलों को जोड़ते हैं, दुखियों को चूर-चूर होने से बचाते हैं।

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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