ऐ री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान, बाग भक्ति का लगाइयो रे, बाग भक्ति का लगाई रे, ऐ री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान, बाग भक्ति का लगाइयो रे, बाग भक्ति का लगाई रे।
कहे की धरती कहे का अम्बर, कहे का बना संसार बाग भक्ति का लगाइयो रे, ऐ री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान, बाग भक्ति का लगाइयो रे।
पाप की धरती धर्म का अम्बर, अरे मतलब का है संसार, बाग भक्ति का लगाइयो रे, ऐ री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान, बाग भक्ति का लगाइयो रे।
काहे की नाव कौन खेवटिया, अरे तू तो कहे से उतरे पार, बाग भक्ति का लगाइयो रे, ऐ री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान, बाग भक्ति का लगाइयो रे।
सेवा की नाव दान खेवटिया, अरे कर्मों से उतरे पार, बाग भक्ति का लगाइयो रे, ऐ री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान,
बाग भक्ति का लगाइयो रे।
ऐ री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान, बाग भक्ति का लगाइयो रे, बाग भक्ति का लगाई रे, ऐ री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान, बाग भक्ति का लगाइयो रे, बाग भक्ति का लगाई रे।
गुरू भजन | मेरे सतगुरु दे गये ज्ञान बाग भक्ति का लगाईयो रे | Mere Satguru De Gaye Gyan | Guru Bhajan
■Title : Mere Satguru De Gaye Gyan Bagh Bhakti Ka Lagaiyo Re ■Artist : Deepika ■Singer : Simran Rathore ■Music : Pardeep Panchal ■Lyrics & Composer : Traditional ■Editing : Max Ranga
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