पीरियड्स को जल्दी लाने के घरेलु उपाय Periods Jaldi Lane Ke Gharelu Upay

पीरियड्स समय पर नहीं आना भी एक समस्या होती है। यदि आपकी समस्या गंभीर नहीं है तो आप कुछ घरेलु उपाय अपनाकर पीरियड्स को समय पर ला सकते हैं। आज का यह लेख बुजुर्ग महिलाओं से प्राप्त ज्ञान और नुस्खों पर आधारित हैं, जिसके माध्यम से ना केवल पीरियड्स जल्दी आते हैं बल्कि पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को भी मैनेज किया जा सकता है।

पीरियड्स को जल्दी लाने के घरेलु उपाय Periods Jaldi Kaise Laye (Home remedies to get periods early in Hindi)

पीरियड्स को समय पर लाने और इस दौरान होने वाले अनियमित दर्द के लिए यहाँ कुछ घरेलु नुस्खे दिए गए हैं जिनका पालन करके इस विषय में सकारात्मक परिणाम प्राप्त सकते हैं। (1)
 
Periods Jaldi Lane Ke Gharelu Upay

पीरियड्स मिस या देरी से आने के कुछ संभावित कारण

  1. मानसिक रूप से अधिक तनाव में रहना, अधिक चिंतन करना।
  2. मेनोपॉज या थायरॉइड की बीमारी का होना।
  3. बहुत अधिक या कम वजन का होना।
  4. पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का होना
  5. डाइबिटीज या सीलिएक आदि विकार का होना। हार्मोनल बदलाव के कारण पीरियड्स में बदलाव हो सकता है। ये बदलाव बच्चे के जन्म, गर्भावस्था, औषधियों का सेवन या जीवन शैली में बदलाव के कारण हो सकते हैं।
  6. अधिक वजन या कम वजन होने से भी पीरियड्स में देरी हो सकती है। यह खासतौर पर ऐसे महिलाओं में देखा जाता है जो वजन घटाने के लिए डायटिंग करती हैं।
  7. अधिक मात्रा में विभिन्न दवाओं का सेवन करने से भी पीरियड्स में बदलाव हो सकता है। इसमें औषधियां, गर्भनिरोधक दवाएं और अन्य दवाएं शामिल होती हैं।
  8. स्तनपान के दौरान मां के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं जो पीरियड्स के समय प्रभावित होते हैं।
    अत्यधिक शारीरिक श्रम से मासिक धर्म में देरी हो सकती है।

अदरक Ginger

अदरक अपने आयुर्वेदिक गुणों के कारण ही लोकप्रिय है और यही कारण है की अदरक का स्थान हमारी रसोई में है। अदरक का ही सूखा रूप सौंठ है जो अदरक से भी अधिक गुणकारी होती है। आप चाहे तो एक छोटी चम्मच सौंठ के चूर्ण का उपयोग गुनगुने पानी के साथ कर सकते हैं या फिर अदरक की चाय पी सकते हैं। अधिक लाभ के लिए आप अदरक के एक छोटे टुकड़े को कूट कर पानी में उबाल लें और छान कर गुनगुना ही पिए। अदरक में एंटी बैक्ट्रिकल और सूजन रोधी गुण होते हैं जो पीरियड्स के दर्द को कम करते हैं। यदि आप अदरक या सौंठ का उपयोग सीधा नहीं करते हैं तो आप चाय में अदरक और सौंठ का उपयोग करें। अदरक (Zingiber officinale) को आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है। यह एक प्राकृतिक रूप से उपलब्ध जड़ी-बूटी है जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। अदरक में विटामिन सी, विटामिन बी6, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम और जिंक जैसे विभिन्न पोषक तत्व पाए जाते हैं। आयुर्वेद में अदरक को उष्ण, शुष्क, वातकफ़ नाशक और पाचन कारक माना गया है।
अर्द्रं स्निग्धं स्वादु संपूर्णं, सुवासितं तुक्षादितं शीतलं दीपनं लघु ।
हिमं वह्निनं त्रिदोषघ्नं, शोफानाशनं बल्यं च जठराग्नेरपि ।।
शोफोन्मूत्रकृतं वातं पित्तं कफं तथैव च ।
व्याधिकृत् कटु विर्यं च अदर्कं पार्श्वगंगये ।।
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हल्दी वाला दूध Turmeric milk

पीरियड्स को सही समय पर लाने का एक तरीका और भी है वह है हल्दी वाला दूध. आप एक छोटी चम्मच हल्दी को दूध में मिलाकर रात को इसका सेवन करें। हल्दी के सेवन से एम्मेनागॉग (Emmenagogue) का प्रभाव कम होता है। (3)

साबुत धनिया Coriander seeds

धनिया के बीजों (साबुत धनिया) को अनियमित मासिक धर्म को सुचारु करने के लिए घरेलु उपचार में अधिक उपयोग में लाया जाता है। धनिया के बीज इमेनगॉग गुणों के कारण अनियमित मासिक धर्म के लिए सबसे प्रभावी घरेलू उपचार कहा जाता है।  साबुत धनिया भी पीरियड्स को समय पर लाने के लिए कारगर होता है। इसके लिए आप साबुत धनिया को हल्का सा कूट कर एक कप पानी में उबाल लें और छान कर गुनगुना ही इसका सेवन करें। अतः धनिया के दानें (Coriander Seeds) का सेवन आप पीरियड्स को जल्दी लाने के लिए कर सकते हैं। धनिये के बीजों (Coriander seeds) का उपयोग मासिक धर्म लाने के लिए आयुर्वेद में किया जाता है। धनिये के बीजों के पानी को उबालकर उसे ठंडा करने के बाद पीने से मासिक धर्म के दर्द में लाभ मिलता है। धनिये के बीज के उपयोग से मासिक धर्म की समस्याएं दूर होती हैं और समय पर आने में मदद मिलती है।
धनिया सारं शोफहरं शीतलं तीक्ष्णं तथा।
कृमिनाशनं सुखं ह्रद्यं वातकृत्तं तथैव च॥
धनिया वातपित्तहरा शुक्रवृद्धिकरी च या।
शोफहरा कफघ्नी च तृष्णाकृतं वरं श्रुतम्॥
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दालचीनी Cinnamon

दालचीनी तासीर में गर्म होती है। इसका उपयोग आप भोजन में खड़े मसालों के रूप में कर सकते हैं। अधिक लाभ के लिए आप दालचीनी के चूर्ण को दूध के साथ ले सकते हैं। दाल चीनी का चूर्ण एक निश्चित मात्रा में ही उपयोग में लें, अधिक मात्रा में दाल चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए। पीरियड्स के लिए आप दालचीनी का उपयोग भी कर सकते हैं। दालचीनी की तासीर गर्म होती है। आप दालचीनी को पीस कर इसका पाउडर बना लें और एक छोटी चम्मच दालचीनी पाउडर को दूध में मिलाकर पिए। दालचीनी में पाया जाने वाला हाइड्रोक्सीचैल्कोन (Hydroxychalcone) कंपाउंड पीरियड्स को नियमित करने में मदद कर सकता है। दालचीनी (Cinnamon) का उपयोग मासिक धर्म को नियमित करने और दर्द को कम करने के लिए किया जाता है। यह प्राकृतिक रूप से उच्च एंटीऑक्सिडेंट, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीफंगल, और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है।
दालचीनी तीक्ष्णगुरु विपाको दीपनः स्निग्धः श्लेष्मला कृमिनाशनः।
पाचनश्लेष्महरस्तु नाशनीयः शोथापहः कासश्वासकृत्तथैव च॥
दालचीनी पाचनं श्रुतं च संघनं कुष्ठनाशनम्।
तीक्ष्णं विपाकविषघ्नं तथैव गर्भिणी सुखम्॥ ()

गुड़ Jaggery

गुड़ की तासीर गर्म होती है। आप एक छोटा टुकड़ा गुड़ को खाने के उपरान्त लें, यह पाचन को सुधारता है, और कब्ज को भी दूर करता है। इसके साथ ही गुड़ का सेवन करने से शरीर में गर्मी बनती है और यह पीरियड्स को जल्दी लाने में कारगर होती है। अजवाइन को गुड़ के साथ उबालकर ठंडा होने पर इसका सेवन और अधिक कारगर होता है।  ()
 

पपीता Papaya

पीरियड्स को सही वक़्त पर लाने का एक तरीका कच्चा पपीता भी है। आप कच्चा पपीता मासिक धर्म आने के संभावित समय से एक हफ्ता पहले से खाना शुरू कर सकते हैं। इसका सेवन आप पीरियड्स आने तक कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें की अधिक मात्रा में कच्चा पपीता ना खाएं। हरा (कच्चा) पपीता संकुचन को कम करता है। घरों में महिलाएं इसका उपयोग करती है आप भी बड़े बुजुर्ग की सलाह के उपरान्त इसका सेवन करें। पपीते में पाया जाने वाला कैरोटीन, एस्ट्रोजन हार्मोन को उत्तेजित करता है जिससे पीरियड्स जल्दी आने में मदद मिलती है। ()

अजवाइन Carom seeds

अजवाइन की तासीर भी गुड़ की भाँती कुछ गर्म होती है। एक चमच्च अजवाइन के चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लें इससे पीरियड्स जल्दी आते हैं और पीरियड्स के दर्द में भी आराम मिलता है। अजवाइन एंटी इंफ्लेमेंटरी प्रॉपर्टीज भी होती है। ()

सौंफ Fennel

सौंफ पाचन और दीपन के लिए तो उत्तम है ही आप पीरियड्स को जल्दी लाने के लिए सौंफ का भी उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप एक चम्मच सौंफ को एक गिलास पानी में उबालें और एक कप रह जाने पर उसे गुनगुना होने के उपरान्त छान लें। इसके उपरान्त आप इसका सेवन चाय की तरह पीये। सौंफ में सौंफ एस्ट्रोजेनिक एजेंट जो मासिक धर्म को नियमित कर सकते हैं. () साथ ही सौंफ में एम्मेनागॉग (Emmenagogue) का प्रभाव होता है जो फ्लो को बढाता है। यह संकुचन को भी कम कर सकता है। (१० , ११)
 
इनके अतिरिक्त आप निम्न तरीकों को भी आजमा कर देख सकती हैं :-
  1. मेथी के दानों को पानी में उबाल कर पीने से भी पीरियड्स को समय पर लाने में मदद मिलती है।
  2. अनार का ज्यूस पीने से भी पीरियड्स समय पर आ सकते हैं। आप नियमित डेट से 15 दिन पहले से दिन में 3 बार अनार रस जरुर पीयें।
  3. तिल का सेवन भी लाभकारी होता है क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है।
  4. सिट्रस फ्रूट्स का सेवन करें यथा नींबू, संतरा, किवी, आंवला आदि जिनमें विटामिन-सी की पाया जाता है और इनके सेवन से प्रोजेस्टेरॉन लेवल बढ़ता है जो पीरियड इंड्यूस करने वाला हॉर्मोन होता है।

समय पर पीरियड्स न आने पर डॉक्टर से संपर्क करें

हाँ, अगर मासिक धर्म समय पर नहीं आता है तो इसे एक मेडिकल कंडीशन के रूप में देखा जाना चाहिए। ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे गर्भावस्था, पोलिप्स, सिस्ट या अन्य मेडिकल कंडीशन। कुछ मुख्य कारण हैं जो इस समस्या का कारण हो सकते हैं, जैसे कि गर्भावस्था, सिस्ट, थायराइड, अनियमित खानपान या शारीरिक तनाव।
 


पीरियड्स जल्दी लाने के उपाय PERIODS JALDI LAANE KA TARIKA / How to bring Periods

Periods Jaldi Lane Ke Gharelu Upay
 
 

पीरियड्स को सुचारू करने के लिए योगासन

योगा के कुछ ऐसे अभ्यास हैं जो मासिक धर्म को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं। यहां कुछ इस तरह के योगासन बताए गए हैं जो अगर सही तरीके से किए जाएं तो मासिक धर्म के समय को संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं:

मत्स्यासन (Matsyasana) - Fish Pose
 
Fish Pose Periods Jaldi Lane Ke Gharelu Upay
 

मत्स्यासन एक योगासन है जो पीरियड्स को समय पर लाने में मदद कर सकता है। यह गर्भावस्था और मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं को भी कम कर सकता है। इस आसन में पैरों को सीधा करके बैठते हैं और फिर पीठ को झुकाकर सिर को टेकते हैं। इसके बाद पीठ को सीधा करते हुए पूरी तरह से लेट जाएं। यह आसन श्वसन और हृदय के लिए भी फायदेमंद होता है।

हलासन (Halasana) - Plough Pose
हलासन एक योगासन है जो पूरे शरीर को फिट रखने के लिए फायदेमंद है। इस आसन को करने से मूत्र और श्वसन तंत्र को भी लाभ मिलता है। इस आसन के द्वारा कमर, पेट और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाया जा सकता है।

धनुरासन (Dhanurasana) - Bow Pose
धनुरासन एक ऐसा योगासन है जो पीरियड्स को शुरू करने में मदद कर सकता है। इस आसन को करने के लिए समतल जमीन पर योग मैट या तकिया फैला दें। अब आप सीधे लेट जाएं और अपने पेट को धरती से लगाकर पैरों को फैला दें। अब अपने हाथों को पीछे की ओर बढ़ाएं और अपने पैरों के अंगूठों को अपनी उंगलियों से पकड़ें। फिर अपनी सांस को छोड़ते हुए अपने सर को ऊपर उठाएं और अपने पेट को ऊपर की ओर खींचें। इस दौरान अपनी सांस को अधिक से अधिक खींचने का प्रयास करें। अब कुछ समय तक इस मुद्रा में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए वापस आएं। इस योगासन को करने से पीरियड्स को शुरू करने में मदद मिल सकती है।

मालासन (Malasana) - Garland Pose
मालासन या गारलैंड पोज एक बहुत ही उपयोगी योगासन है जो अपनी मध्यम श्रेणी में आता है। यह योगासन उन सभी लोगों के लिए उपयुक्त है जो दिनभर दफ्तर में बैठकर काम करते हैं। यह अभ्यास करने से शरीर की कई समस्याओं का समाधान होता है। इस योगासन का नियमित अभ्यास उच्च रक्तचाप, श्वसन समस्याएं, पीठ दर्द, मोटापा और कई अन्य समस्याओं से निपटने में मदद करता है। इसके अलावा, मालासन के अभ्यास से आपकी शारीरिक गतिविधियां भी बढ़ती हैं और आपकी नसों और मांसपेशियों को शक्ति मिलती है। इसलिए, नियमित रूप से मालासन का अभ्यास करने से आप अपने शरीर को फिट और स्वस्थ रख सकते हैं।

शवासन (Shavasana) - Corpse Pose
शवासन एक महत्वपूर्ण योगासन है, जो ध्यान और शांति को प्राप्त करने में मदद करता है। इस आसन में शरीर को एक मृत शव की तरह लेटा जाता है, जो इसके नाम के रूप में जाना जाता है। इस आसन का मुख्य लक्ष्य मन को शांत करने और शरीर को रिलैक्स करने के लिए होता है। इसके अलावा, यह आसन अपने शरीर की संरचना और फंक्शन को समझने में मदद करता है। शवासन को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल करने से शरीर की स्थिति बेहतर होती है और दिमाग को भी शांति मिलती है। इसलिए, शवासन योगासन के महत्वपूर्ण आसनों में से एक है जो हमें एक स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन जीने में मदद करता है।
 
मासिक धर्म में दर्द क्यों होता है ?
गर्भाशय के अंदर की परत के खींचाव के कारण दर्द होता है। यह खींचाव गर्भाशय के अंदर के संरचनाओं या उनके आसपास के नसों में दर्द उत्पन्न करता है। प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में बदलाव मासिक धर्म के समय दर्द का कारण होता है। जब आपका शरीर यह हार्मोन उत्पन्न करता है, तो यह गर्भाशय की परत को खींचता है जो दर्द का कारण बनता है। अधिक मात्रा में प्रोस्टेगलैंडिन हार्मोन के उत्पन्न होने से भी दर्द होता है। यह हार्मोन गर्भाशय की परत को खींचता है और दर्द को बढ़ाता है।
 
गुड़ खाने से पीरियड आता है ?
गुड़ खाने से पीरियड्स जल्दी नहीं आता है बल्कि कम मात्रा में गुड़ का सेवन माहवारी के दर्द को दूर करने में उपयोगी होता है। गुड़ में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-स्पस्मोडिक गुण गर्भाशय की ऐंठन को कम करते हैं। गुड़ (jaggery): गुड़ में अनेक पोषक तत्व होते हैं जो मासिक धर्म के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। एक छोटा टुकड़ा गुड़ को दूध के साथ मिलाकर पीने से आपको आराम मिल सकता है।

पीरियड आने के लिए कितना गुड़ खाना चाहिए?
पीरियड्स के समय हमें गुड़ का एक छोटा टुकड़ा ही खाना चाहिए। अधिक मात्रा में गुड़ का सेवन करने से शरीर में गर्मी बढ़ जाती है।
 
क्या पीरियड्स के दर्द के लिए गुड़ अच्छा है?
पीरियड्स के दौरान एक छोटा टुकड़ा गुड़ का खाने से दर्द में आराम मिलता है। यह गर्भाशय की ऐंठन को कम करता है।
 
पीरियड्स के लिए गुड़ कैसे खाएं?
एक छोटा टुकड़ा गुड़ का खाकर इसके बाद गुनगुना पानी पिए। 
 
क्या तुलसी का उपयोग माहवारी का दर्द दूर करता है ?
तुलसी के फूल लेने से मासिक धर्म के दर्द में आराम मिलता है
तुलसी पुष्पं संगृह्य मातृशोकहरं सुखं।
धारयेत् प्रतिदिनं तु तस्मै कामेश्वरीं स्मृताम्॥
भैषज्य रत्नाकर 

क्या व्यायाम/योगासन पीरियड्स को सही समय पर लाने के लिए कारगर हैं ?
व्यायाम और योग शरीर की शक्ति को बढ़ाते हैं और हमें स्वस्थ रखते हैं। कोई विशेष योगासन ऐसा नहीं है जिसके माध्यम से आप शीघ्र ही पीरियड्स को ला सके लेकिन वज्रासन, बद्धकोणासन, पश्चिमोत्तासन और धनुरासन आदि योग से आपको सहायता अवश्य मिलती है। 
 
पीरियड कितने दिन लेट हो सकता है?
मासिक धर्म लेट होने के कई कारण हो सकते हैं। आमतौर पर, मासिक धर्म का स्थायी अंतराल 21 से 35 दिन के बीच होता है। इसलिए, अगर मासिक धर्म किसी कारणवश अपेक्षित अंतराल से लेट होता है, तो 35 दिन तक की अंतराल में आमतौर पर शामिल होता है। लेकिन, अगर आपके मासिक धर्म का अंतराल इससे अधिक होता है तो आपको एक डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। इससे पहले भी, यदि आपको किसी अन्य समस्या जैसे अत्यधिक तनाव, वजन कम या ज्यादा होने, गर्भावस्था, या अन्य रोग हैं, तो भी आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

समय पर पीरियड्स नहीं आ रहे हैं, तो क्या खाएं?
पीरियड्स समय पर नहीं आने की समस्या के कई कारण हो सकते हैं। इस समस्या का सामना कर रही महिलाओं को कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो इस समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
  1. अदरक और शहद: गर्म पानी में अदरक और शहद मिलाकर पीने से शरीर की गर्माहट बढ़ती है जो पीरियड्स को शुरू करने में मदद कर सकती है।
  2. पपीता: पपीते में विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है जो अंडाशय के ऊतकों को सक्रिय रखती है। यह पीरियड्स को शुरू करने में मदद कर सकता है।
  3. हरे पत्तेदार सब्जियां: सब्जियों में मौजूद फाइबर शरीर की गर्माहट बढ़ाकर अंडाशय के कामकाज को सक्रिय रखती है।
  4. ताजा फल: फलों में मौजूद विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसलिए, ताजे फलों का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
Sources :
  1. Absent menstrual periods – primary
  2. https://medlineplus.gov/ency/article/001218.htm
  3. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5801702/
  4. https://www.womenshealth.gov/menstrual-cycle/period-problems
  5. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12792630/
  6. https://www.nichd.nih.gov/health/topics/menstruation/conditioninfo/symptoms
  7. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4301608/
  8. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5878906/
  9. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3611645/
  10. http://www.ijnrd.org/papers/IJNRD1705030.pdf
  11. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK92752/
  12. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/24813595/
  13. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4443385/
  14. https://agresearchmag.ars.usda.gov/1996/nov/dietary/
  15. https://medlineplus.gov/ency/article/001219.htm
  16. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/24660617/
  17. https://www.nhp.gov.in/ihtibaas-e-tams-amenorrhoea_mtl
  18. http://theijmed.com/index.php?journal=theijmed&page=article&op=view&path%5B%5D=163

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डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। अधिक और विस्तृत जानकारी जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
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