खाटू धाम है जग में निराला श्याम भजन
खाटू धाम है जग में निराला श्याम भजन
खाटू धाम है जग में निराला,
श्याम मेरा रहता है,
श्याम मेरा रहता है खाटू में,
हारे का साथी बाबा श्याम,
है शीश का दानी मेरा श्याम।।
ऊंचे आसन श्याम विराजे,
ऊंचे आसन श्याम विराजे,
राज ये करता है,
राज ये करता है खाटू में,
हारे का साथी बाबा श्याम,
है शीश का दानी मेरा श्याम।।
खुश हो के खज़ाना लुटाते,
खुश हो के खज़ाना लुटाते,
हुकुम इनका चलता है,
हुकुम इनका चलता है खाटू में,
हारे का साथी बाबा श्याम,
है शीश का दानी मेरा श्याम।।
होती सबकी मुरादें पूरी,
होती सबकी मुरादें पूरी,
जो विनती करता है,
जो विनती करता है खाटू में,
हारे का साथी बाबा श्याम,
है शीश का दानी मेरा श्याम।।
फागुन में खाटू चालो,
फागुन में खाटू चालो,
की मेला लगता है,
की मेला लगता है खाटू में,
हारे का साथी बाबा श्याम,
है शीश का दानी मेरा श्याम।।
चलो ग्यारस की रात जगाएं,
चलो ग्यारस की रात जगाएं,
की अमृत बरसता है,
की अमृत बरसता है खाटू में,
हारे का साथी बाबा श्याम,
है शीश का दानी मेरा श्याम।।
‘संजय’ ये गले से लगाते,
‘संजय’ ये गले से लगाते,
जो हार के आता है,
जो हार के आता है खाटू में,
हारे का साथी बाबा श्याम,
है शीश का दानी मेरा श्याम।।
खाटू धाम है जग में निराला,
श्याम मेरा रहता है,
श्याम मेरा रहता है खाटू में,
हारे का साथी बाबा श्याम,
है शीश का दानी मेरा श्याम।।
श्याम मेरा रहता है,
श्याम मेरा रहता है खाटू में,
हारे का साथी बाबा श्याम,
है शीश का दानी मेरा श्याम।।
ऊंचे आसन श्याम विराजे,
ऊंचे आसन श्याम विराजे,
राज ये करता है,
राज ये करता है खाटू में,
हारे का साथी बाबा श्याम,
है शीश का दानी मेरा श्याम।।
खुश हो के खज़ाना लुटाते,
खुश हो के खज़ाना लुटाते,
हुकुम इनका चलता है,
हुकुम इनका चलता है खाटू में,
हारे का साथी बाबा श्याम,
है शीश का दानी मेरा श्याम।।
होती सबकी मुरादें पूरी,
होती सबकी मुरादें पूरी,
जो विनती करता है,
जो विनती करता है खाटू में,
हारे का साथी बाबा श्याम,
है शीश का दानी मेरा श्याम।।
फागुन में खाटू चालो,
फागुन में खाटू चालो,
की मेला लगता है,
की मेला लगता है खाटू में,
हारे का साथी बाबा श्याम,
है शीश का दानी मेरा श्याम।।
चलो ग्यारस की रात जगाएं,
चलो ग्यारस की रात जगाएं,
की अमृत बरसता है,
की अमृत बरसता है खाटू में,
हारे का साथी बाबा श्याम,
है शीश का दानी मेरा श्याम।।
‘संजय’ ये गले से लगाते,
‘संजय’ ये गले से लगाते,
जो हार के आता है,
जो हार के आता है खाटू में,
हारे का साथी बाबा श्याम,
है शीश का दानी मेरा श्याम।।
खाटू धाम है जग में निराला,
श्याम मेरा रहता है,
श्याम मेरा रहता है खाटू में,
हारे का साथी बाबा श्याम,
है शीश का दानी मेरा श्याम।।
खाटूधाम है जग में निराला || Prakash Odeka || Latest Khatu Shyam Bhajan 2022 || Sci Bhajan Official
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Author - Saroj Jangir
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