कद्दू जूस के फायदे और नुकसान Benefits of Pumpkin Juice in Hindi
कद्दू (कुम्हेड़ा, पेठा ) को प्रायः सब्जी के रूप में जाना जाता है, लेकिन कद्दू का उपयोग सब्जी के अतिरिक्त कद्दू की खीर, कद्दू का हलवा, कद्दू का सूप, कद्दू का जूस आदि रूपों में किया जाता है। कद्दू का स्वाद बहुत लोगों को पसंद नहीं आता है, लेकिन इसके फायदे इतने हैं कि आपको इसे एक बार जरूर ट्राई करना चाहिए। इसमें मौजूद पोषक तत्व न केवल हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं, बल्कि इसके औषधीय गुण भी हैं। अगर आपको कद्दू की सब्जी पसंद नहीं होती है तो आप कद्दू का जूस पी सकते हैं। यह आपको इसके सभी फायदों का लाभ देगा और आपको स्वस्थ रखने में मदद करेगा।
पके हुए कद्दू को मिक्सी में शहद और थोड़े पानी के साथ पीसा जाता है और छान कर इसे पिया जाता है। इस लेख में आप जानेंगे की कद्दू के जूस के फायदे क्या होते हैं और कद्दू के पौष्टिक गुणों के बारे में भी आप विस्तार से जानेंगे। कद्दू में कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, यथा प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, जिंक, विटामिन सी, विटामिन बी 6 आदि। कद्दू में कई पौष्टिक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर को पोषण देते हैं, लेकिन ऐसा भी नहीं है की किसी गंभीर बिमारी का इलाज कद्दू से किया जा सके। यदि आप किसी बिमारी से ग्रस्त हैं तो अवश्य ही डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिये।
कद्दू का जूस के फायदे/लाभ Benefits of Pumpkin Juice in Hindi
आइये कद्दू के रस / जूस से होने वाले फायदों को जान लेते हैं।कब्ज की समस्या से राहत/पाचन में सुधार करता है कद्दू
कब्ज का एक कारण फाइबर युक्त भोजन का अभाव होता है। कद्दू में पर्याप्त मात्र में फाइबर होता है जो कब्ज को दूर करता है। इसके साथ ही कद्दू में पाए जाने वाले पोषक तत्व पाचन को सुधारने का कार्य करते हैं। अतः आप इसका सब्जी के रूप में या इसके जूस का सेवन करें। (1) कद्दू के जूस के साथ में आप इसमें लौकी भी मिक्स कर सकते हैं। गर्मियों के मौसम में कद्दू और लौकी का मिक्स जूस आपको शक्ति देता है और शरीर को हाइड्रेड भी रखता है। पाचन के साथ साथ कद्दू और लौकी की जूस से लिवर भी मजबूत रहता है।
इम्यूनिटी को बढ़ाने में सहायक है कद्दू का रस
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता का दुरुस्त होना आवश्यक है। कद्दू में इम्यूनोमोड्यूलेटरी प्रभाव होने के कारण कद्दू का रस का सेवन करने से रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है। इसके अतिरिक्त कद्दू में पाए जाने वाले कद्दू में बीटा कैरोटीन और विटामिन सी दोनों ही इम्युनिटी को बढ़ाने में सहायक होते हैं। (2)
वजन कम करने में कद्दू रस है लाभदायक
ताजा कद्दू का जूस पीने से कई पोषक तत्व मिलते हैं। कद्दू के जूस में विटामिन ए, ई और सी पाए जाते हैं, जो शरीर को लाभ पहुंचाते हैं. कद्दू रस में पोटैशियम और कैल्शियम जैसे पौष्टिक तत्व भी होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट्स का एक बहुत अच्छा स्रोत होते है.
किडनी को स्वस्थ रखने में कद्दू जूस के लाभ
किडनी के स्वास्थ्य के लिए भी कद्दू का रस लाभकारी होता है। इसके सेवन से किडनी में स्टोन की समस्या से बचाव होता है। सफ़ेद कद्दू विशेष रूप से लिवर के लिए लाभकारी होता है। सफ़ेद कद्दू के रस से लिवर में गर्मी नहीं बढ़ती है। लिवर में बढ़ी हुई गर्मी से पेट में जलन लगी रहती है, इसके साथ ही सीने और त्वचा में भी जलन महसूस होती है। ऐसे में कद्दू का रस लाभकारी होता है। किडनी में पथरी की समस्या है उन्हें कद्दू के जूस का सेवन करना चाहिए। (3)
अनिद्रा को दूर करने में कद्दू जूस के फायदे
अनिंद्रा दूर करने में कई प्रकार के फल और सब्जी सहायक होते हैं। उल्लेखनीय है की कद्दू में कद्दू में ट्रिप्टोफैन (अमीनो एसिड) पाया जाता है जो निंद्रा को सुगम बनाता है और अनिंद्रा विकार को दूर करने में सहायक होता है। अतः यदि आप अनिंद्रा विकार से पीड़ित हैं तो अन्य कारणों को दूर करते हुए आपको कद्दू के रस का सेवन भी करना चाहिए। (4)
सूजन को दूर करने में कद्दू जूस के फायदे
कद्दू के जूस में एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल से लड़ने और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। कद्दू में एंटीइंफ्लामेटरी प्रभाव पाया जाता है जो शरीर में बढ़ी हुई सुजन को कम करने में सहायक होता है। (5)
त्वचा के लिए लाभदायक है कद्दू का रस
पाचन को दुरुस्त करने, लीवर की गर्मी को दूर करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के साथ ही कद्दू का रस त्वचा के लिए भी लाभदायक होता है। कद्दू में बीटा कैरोटीन में फोटो प्रोटेक्टिव प्रभाव होता है जिसके कारण से कद्दू के रस का सेवन करने से त्वचा संबधी विकार दूर होते हैं और हमारी त्वचा सूर्य की हानिकारक किरणों के प्रभाव से भी मुक्त रहती है। (6)
डायबिटीज विकार में लाभकारी
डायबिटीज के रोगियों को डॉक्टर की सलाह उपरान्त कद्दू के रस का सेवन करना चाहिए। रोजाना कद्दू के जूस का सेवन करने से डायबिटीज को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। कद्दू के रस के अतिरिक्त कद्दू के बीजों में भी ऐसे गुण होते हैं जो डायबिटीज और दिल से जुड़ी बीमारी की रोकथाम में सहायक होते हैं। कद्दू के बीजों को पीस कर बनाया गया पाउडर और कद्दू का अर्क दोनों रक्त शर्करा को कम करने में सहायक होते हैं, एक शोध के मुताबिक कद्दू के बीज के पाउडर का सेवन करने से डायबिटीज में लाभ मिलता है। USDA के अनुसार 120 ग्राम कद्दू में निम्न प्रकार से पोषक तत्व पाए जाते हैं। कैलोरी - 50, प्रोटीन - 2 , ग्राम, फैट - 0 ग्राम, कार्ब्स - 11 ग्राम, फाइबर - 3 ग्राम, शुगर - 4 ग्राम, कैल्शियम - दिनभर की जरूरत का 4 प्रतिशत, आयरन - दिनभर की जरूरत का 4 प्रतिशत, विटामिन सी - दिनभर की जरूरत का 8 प्रतिशत, प्रोविटामिन ए - दिनभर की जरूरत का 280 प्रतिशत, डायबिटीज के मरीजों के लिए फाइबर बहुत लाभकारी होता है । कद्दू का ग्लाइसेमिक लोड (GL) बेहद कम होता है। डायबिटीज के मरीजों को कद्दू का सेवन बहुत सीमित मात्रा में डॉक्टर की सलाह के उपरान्त ही करना चाहिए। (7)
मॉर्निंग सिकनेस में भी गुणकारी है कद्दू
कद्दू सेहत के लिए बहुत गुणकारी होता है, विशेष रूप से मॉर्निंग सिकनेस के लिए। कद्दू में विटामिन ए, सी, ई, के साथ-साथ बी कॉम्प्लेक्स, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट भी पाए जाते हैं। कद्दू में मौजूद विटामिन सी मॉर्निंग सिकनेस के लिए बहुत गुणकारी होता है। यह शरीर के रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है और इम्यून सिस्टम को स्ट्रेंथन करता है। (8) प्रेग्नेंसी के दौरान माॅर्निंग सिकनेस होना एक आम बात है। सुबह नींद से उठने के बाद गर्भवती महिला को बोझिल, मितली आना, उलटी आना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कद्दू के रस के अतिरिक्त आप अदरकी से बनी कुकीज, नींबू का रस, केला ओट मफिन्स, फोर्टिफाइड अनाज, वेजिटेबल सूप आदि का सेवन करके भी माॅर्निंग सिकनेस से छुटकारा पा सकती हैं। (9)
बालों के लिए लाभकारी है कद्दू का रस
कद्दू का रस बालों के लिए बहुत लाभकारी होता है। कद्दू में विटामिन ए और सी, बी कॉम्प्लेक्स, खनिज जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम आदि पाए जाते हैं जो बालों के स्वस्थ विकास और वृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। कद्दू का रस बालों के झड़ने और रूखेपन को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद विटामिन सी स्कैल्प के सेहत को स्ट्रेंथन करता है जो बालों के झड़ने को रोकता है। कद्दू का रस बालों को मजबूत, चमकदार और स्वस्थ बनाने में मदद करता है। (10) कद्दू के रस में बालों को पुनः उगाने के गुण होते हैं। इसमें विटामिन ए की अधिक मात्रा होती है जो स्कैल्प के स्वस्थ विकास के लिए बहुत लाभकारी होती है। इसके अतिरिक्त, यह पोटेशियम भी प्रदान करता है जो बालों के नए विकास को बढ़ावा देता है।
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उपरोक्त के अतिरिक्त कद्दू का रस हमारे लिए कई अन्य प्रकार से भी उपयोगी होता है यथा :-
अतः इस प्रकार से हमने जाना की कद्दू में पाया जाने वाला फाइबर पेट संबंधित समस्याओं को दूर करने में मददगार होता है। अगर आप पाचन तंत्र से जुझ रहे हैं तो कद्दू के जूस का सेवन शुरू करने से आपको अपच से राहत मिलेगी और पाचन तंत्र को मजबूती मिलेगी। कद्दू के जूस में पोषक तत्व होते हैं जो वजन को कंट्रोल में रखने में मददगार होते हैं तो अगर आप वजन घटाना चाहते हैं तो कद्दू के जूस का सेवन शुरू करें। कद्दू के जूस में मौजूद विटामिन एवं ए त्वचा संबंधी समस्याओं से लड़ने में मददगार होते हैं और इसमें मौजूद फ्री रेडिकल्स शरीर की सूजन को कम करते हैं तो कद्दू के जूस का सेवन आपके त्वचा संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने में मददगार हो सकता है। कद्दू के जूस पीने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है जिससे डायबिटीज का खतरा भी कम होता है।
- कद्दू के जूस से ना केवल कब्ज दूर होता है, शक्ति प्राप्त होती है अपितु इसमें प्रचूर मात्रा में विटामिन D पाया जाता है। अतः विटामिन D के स्त्रोत के रूप में इसका उपयोग लाभकारी होता है।
- कद्दू का जूस विटामिन B1, B2, B6, C, E और बीटा केरोटिन के साथ साथ कार्बोहाइड्रेड्स और प्रोटीन का एक बहुत अच्छा स्रोत है।
- कद्दू का जूस न केवल विटामिन, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम का एक उत्कृष्ट स्रोत होता है, बल्कि यह लिवर और किडनी के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। किडनी में पथरी की समस्या वाले लोगों को खासकर इसका ज्यूस रोजाना तीन बार पीना चाहिए, जो कि पथरी को निष्कासित करने में मदद करता है।
- कद्दू का ज्यूस किडनी और लिवर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। किडनी में पथरी की समस्या वाले लोगों को रोजाना तीन बार कद्दू का ज्यूस पीना चाहिए, जो उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है।
- कद्दू का ज्यूस विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जिसमें विटामिन B1, B2, B6, C, E और बीटा केरोटिन शामिल होते हैं। साथ ही, इसमें कार्बोहाइड्रेड्स और प्रोटीन भी होते हैं। विशेषज्ञों की सलाह होती है कि हर दिन करीब आधा कप कद्दू के ज्यूस का सेवन करना चाहिए।
- कद्दू के ज्यूस में न केवल विटामिन D, बल्कि कार्बोहाइड्रेड्स, प्रोटीन, विटामिन B1, B2, B6, C, ई और बीटा केरोटिन भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा, कद्दू में कापर, आयरन और फास्फोरस भी मौजूद होते हैं। इसलिए, हर दिन करीब आधा कप कद्दू के ज्यूस की सलाह दी जाती है ताकि आपका शरीर सभी इन अमूल्य पोषक तत्वों से भरपूर हो सके। इससे न केवल आपकी सेहत बल्कि आपकी त्वचा भी स्वस्थ रहेगी।
- कद्दू के जूस में पाए जाने वाले विटामिन ई, ए और एंटी-ऑक्सीडेंट त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं और इनका नियमित सेवन त्वचा को हेल्दी रखने में मदद कर सकता है। यदि आप रोजाना कद्दू के जूस का सेवन करें तो आप अपनी त्वचा को सुंदर, स्वस्थ और चमकदार बनाए रख सकते हैं।
- बालों के लिए गुणकारी है कद्दू का रस- कद्दू में आपको बालों के स्वस्थ विकास में मददगार विटामिन ए और पोटैशियम की अधिक मात्रा मिलती है। इससे बालों को ताकत मिलती है और उनके झड़ने की समस्या कम होती है। यदि आपके बाल झड़ते हैं, तो आप रोजाना कद्दू का जूस पी सकते हैं जो आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। इसके अलावा, खराब बालों को अच्छा बनाने के लिए आप कद्दू के बीज का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- सफेद पेठा/कद्दू में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन ई, बी 6, विटामिन सी, आयरन, पौटेशियम, कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
अतः इस प्रकार से हमने जाना की कद्दू में पाया जाने वाला फाइबर पेट संबंधित समस्याओं को दूर करने में मददगार होता है। अगर आप पाचन तंत्र से जुझ रहे हैं तो कद्दू के जूस का सेवन शुरू करने से आपको अपच से राहत मिलेगी और पाचन तंत्र को मजबूती मिलेगी। कद्दू के जूस में पोषक तत्व होते हैं जो वजन को कंट्रोल में रखने में मददगार होते हैं तो अगर आप वजन घटाना चाहते हैं तो कद्दू के जूस का सेवन शुरू करें। कद्दू के जूस में मौजूद विटामिन एवं ए त्वचा संबंधी समस्याओं से लड़ने में मददगार होते हैं और इसमें मौजूद फ्री रेडिकल्स शरीर की सूजन को कम करते हैं तो कद्दू के जूस का सेवन आपके त्वचा संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने में मददगार हो सकता है। कद्दू के जूस पीने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है जिससे डायबिटीज का खतरा भी कम होता है।
कद्दू के ज्यूस का उपयोग कैसे करें
कद्दू का रस स्वास्थ्यवर्धक होता है अतः इसके स्वाद के स्थान पर इसके गुणों की तरफ ध्यान देना चाहिए। आपको यदि इसका स्वाद ना आये तो आप इसमें थोड़ी मात्रा में शहद मिला सकते हैं। आप अधिक लाभ लेने के लिए इसमें लौकी को भी शामिल कर सकते हैं। स्वाद को बढ़ाने के लिए आप इसमें दालचीनी, जायफल लौंग, सफ़ेद कालीमिर्च का चूर्ण मिला सकते हैं।
कद्दू का जूस बनाने की विधि Kaddu ka juice banane ki vidhi
कद्दू का जूस बनाना अत्यंत ही सरल है। आप इसे आसानी से घर पर बना सकते हैं।
कद्दू का जूस बनाने के लिए आवश्यक सामग्री :
- एक छोटा मीठा पका हुआ कद्दू
- थोड़ी आइस क्यूब।
- स्वाद को बढ़ाने के लिए खड़े मसालों का चूर्ण यथा दालचीनी, जायफल, लौंग।
- स्वाद के अनुसार नमक।
कद्दू का जूस बनाने के लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करें -
- कद्दू को अच्छे से धो कर साफ़ कर लें ताकि उसकी बाहरी गन्दगी साफ़ हो जाए।
- चाक़ू की सहायता से कद्दू का सख्त छिलका निकाल दें।
- कद्दू के बीजों को निकाल दें और बीच गूदे को भी अलग कर दें।
- बचे हुए कद्दू को छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें ताकि मिक्सर में डाल सकें।
- इसके साथ ही खड़े मसालों का चूर्ण डालें।
- चटनी के रूप में तैयार होने पर इसमें थोड़ा पानी मिला कर सूती कपडे से छान लें
- आवश्यकतानुसार इसमें नमक मिक्स करें।
- आइस क्यूब मिला कर जूस को सर्व करें।
कद्दू का रस कितना पीना चाहिए
कद्दू का रस आपके लिए लाभकारी होता है लेकिन एक दिन में एक गिलास से अधिक जूस का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि आपने पानी कम मिलाया है तो एक कप कद्दू का जूस प्रयाप्त होता है। इसकी मात्रा के लिए आपको डाइटिशन से सलाह लेनी चाहिए।
कद्दू के जूस के नुकसान Side Effects of Pumpkin Juice in Hindi
कद्दू का जूस अत्यधिक मीठा होता है जिसमें शक्कर की मात्रा अधिक होती है। अधिक मीठे खाने से शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है जो डायबिटीज का कारण बन सकती है। कद्दू का जूस वसा को तेजी से बढ़ा सकता है जो शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। इसके अलावा, अधिक मीठे खाने से पाचन क्रिया प्रभावित होती है जो पेट में गैस और एसिडिटी का निर्माण कर सकती है। इसलिए, कद्दू का जूस पीने से पूर्व डॉक्टर से सलाह प्राप्त कर लेंवे।
- हालांकि कद्दू का जूस कई स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर होता है, लेकिन ब्लड शुगर लेवल कम करने के अलावा, यह कुछ लोगों के लिए हानिकारक भी हो सकता है। (11)
- कुछ लोग कद्दू के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं जो इसका सेवन नहीं करना चाहते। वे अपने शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के तहत कुछ पदार्थों के प्रति संवेदनशील होते हैं जो अपने शरीर में एलर्जी के रूप में प्रतिक्रिया उत्पन्न कर सकते हैं। यदि आपको कद्दू खाने से या कद्दू के जूस का सेवन करने से एलर्जी के लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको इसके सेवन से बचना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। (१२)
- कद्दू का सेवन आमतौर पर स्वस्थ लोगों के लिए सुरक्षित होता है। हालांकि, कुछ लोगों को कद्दू के रस का सेवन करने से पेट में परेशानी हो सकती है। इसके कुछ लक्षण मतली, दस्त, सूजन और ऐंठन हो सकते हैं। ये लक्षण कुछ लोगों में एलर्जी के भी हो सकते हैं।
- कुछ लोगों को कद्दू के सेवन से एलर्जी हो सकती है। जब वे कद्दू का सेवन करते हैं, तो उन्हें मुंह में जलन महसूस होती है और होंठ, जीभ और मसूड़ों में सूजन हो सकती है।
- झुर्रियों, झाइयों, पिपंल से दिलाएं निजात- कद्दू में विशेष रूप से विटामिन सी, विटामिन ई और बीटा-कैरोटीन की अधिक मात्रा होती है, जो आपकी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। ये तत्व आपकी त्वचा को जवां, मुलायम और चमकदार बनाए रखते हैं, जिससे आपकी त्वचा से संबंधित किसी भी समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
सफ़ेद कद्दू है लाभकारी
सफेद कद्दू में विटामिन, मैग्नीशियम, आयरन, फॉस्फोरस, कैल्शियम, जिंक, और एंटी-इंफ्लेमेटरी आयुर्वेदिक तत्व शामिल होते हैं। सफेद कद्दू जिसे छत्तीसगढ़ में रखिया के नाम से जानते है। आयुर्वेद के अनुसार सफ़ेद कद्दू पाचन को दुरुस्त करने और स्फूर्ति के लिए बहुत लाभकारी हैं। इसमें अमीनो एसिड भी होता है। सफेद कद्दू के इन पोषक तत्वों के संयोग से विभिन्न प्रकार की बीमारियों के उपचार में इसका प्रयोग किया जाता है। सफेद कद्दू में पाये जाने वाले आयुर्वेदिक तत्वों के कारण इसका सेवन पेट संबंधी विकारों जैसे कि एसिडिटी, कब्ज, गैस, और उलटी आदि की रोकथाम में सहायक होते हैं। सफेद कद्दू का सेवन करने से बेहतर कोलेस्ट्रॉल स्तर बना रहता है। यह बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। सफेद कद्दू में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो अस्थमा और गठिया जैसी बीमारियों में फायदेमंद होते हैं।
खानपान का सही नहीं होना कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। शरीर में दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल होते हैं- गुड कोलेस्ट्रॉल जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है और बैड कोलेस्ट्रॉल जो स्ट्रोक और हृदय रोग का खतरा बढ़ाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स संतुलित आहार और रोजाना एक्सरसाइज की सलाह देते हैं ताकि बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सके। डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड रिच फूड्स को शामिल करने से भी यह मदद मिल सकती है। सफेद कद्दू भी डाइट में शामिल किया जा सकता है। यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है और कई बीमारियों में उपयोगी होता है।
कद्दू क्या होता है ?
कुम्हड़ा या कद्दू एक स्थलीय, द्विबीजपत्री बेल पौधा होता है। कद्दू की बेल के फूल पीले रंग के होते हैं। पके हुए कद्दू का वजन ४ से ८ किलोग्राम तक हो सकता है। आहार विशेषज्ञों के मुताबिक़ कद्दू हृदय विकारों के लिए सबसे अधिक लाभदायक होता है। कद्दू का रस कोलेस्ट्राल कम करता है, ठंडक पहुंचाने वाला और मूत्रवर्धक होता है। कद्दू के संतुलित मात्रा में सेवन से रक्त में शर्करा की मात्रा नियंत्रित होती है और यह अग्नाशय को भी सक्रीय करता है। कद्दू में मुख्य रूप से बीटा केरोटीन पाया जाता है, जिससे हमें विटामिन ए प्राप्त होता है। पीले और नारंगी रंग के कद्दू में केरोटीन की मात्रा अधिक होती है। कद्दू के रस के अतिरिक्त कद्दू के बीज भी आयरन, जिंक, पोटेशियम और मैग्नीशियम से युक्त होते हैं। कद्दू के स्वास्थ्य गुणों के कारण ही दुनिया भर में २९ सितंबर को 'पंपकिन डे' के रूप में मनाया जाता है
USDA के अनुसार १०० ग्राम कद्दू में निम्न प्रकार से पोषक तत्व पाए जाते हैं
- पानी: 91.6 ग्राम
- ऊर्जा:
- 26 कैलोरी
- 109 किलोजूल
- प्रोटीन: 1 ग्राम
- कुल वसा (फैट): 0.1 ग्राम
- एश: 0.8 ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट, अंतर से: 6.5 ग्राम
- फाइबर, कुल आहार: 0.5 ग्राम
- शुगर, कुल निश्चित नाम लेने वाले अनुभाग सहित: 2.76 ग्राम (दूसरे फॉर्म या समान भोजन के आधार पर; घनपन समायोजन; ठोस; रिटेंशन फैक्टर उपयोग नहीं किए गए)
- कैल्शियम, Ca: 21 मिलीग्राम
- लोहा, Fe: 0.8 मिलीग्राम
- मैग्नीशियम, Mg: 12 मिलीग्राम
- फॉस्फोरस, P: 44 मिलीग्राम
- पोटेशियम, K: 340 मिलीग्राम
- सोडियम, Na: 1 मिलीग्राम
- जिंक, Zn: 0.32 मिलीग्राम
- ताम्र, Cu: 0.127 मिलीग्राम
- अधिकांश, Mn: 0.125 मिलीग्राम
- सेलेनियम, Se: 0.3 माइक्रोग्राम
- विटामिन सी, कुल एस्कोर्बिक एसिड: 9 मिलीग्राम
- थायमिन: 0.05 मिलीग्राम
- रिबोफ्लाविन: 0.11 मिलीग्राम
- नाइएसिन: 0.6 मिलीग्राम
- पैंथोथेनिक अम्ल: 0.298 मिलीग्राम
- विटामिन बी-6: 0.061 मिलीग्राम
- फोलेट, कुल: 16 यूग्राम
- फोलिक एसिड: 0 यूग्राम
- फोलेट, खाद्य: 16 यूग्राम
- फोलेट, डीएफई: 16 यूग्राम
- टोटल कोलीन: 8.2 मिलीग्राम
- विटामिन बी-12 0 µg
- विटामिन बी-12,
- विटामिन ए, आरएई 426 µg
- रेटिनोल 0 µg
- कैरोटीन, बीटा 3100 µg
- कैरोटीन, अल्फा 4020 µg
- क्रिप्टोक्सांथिन, बीटा 0 µg
- विटामिन ए, आईयू: गणना की गई
- लाइकोपीन: अनुमान लगाया गया
- लुटिन + ज़ीअन्थीन: दूसरे स्रोत से लिया गया
- विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरॉल)
- विटामिन ई, जोड़ा गया: 0
- विटामिन डी (D2 + D3), अंतरराष्ट्रीय इकाइयों में: 0 IU,
- विटामिन डी (D2 + D3): 0 माइक्रोग्राम,
- विटामिन के (फाइलोक्विनोन): 1.1 माइक्रोग्राम,
- फैटी एसिड, कुल संतृप्त: 0.052 ग्राम
- एसएफए 4: 0: 0 ग्राम
- एसएफए 6: 0: 0 ग्राम
- एसएफए 8: 0: 0 ग्राम
- एसएफए 10: 0: 0 ग्राम
- एसएफए 12: 0: 0.001 ग्राम
- एसएफए 14: 0: 0.006 ग्राम
- एसएफए 16: 0: 0.037 ग्राम
- एसएफए 18: 0: 0.003 ग्राम
सोर्सेज References
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- Yadav M, Jain S, Toma R.et.al.Medicinal and biological potential of pumpkin: An updated review.NUTR RES REV.2010(23);184–190.
- Nishimura M, Ohkawara T,Sato H.et.al.Pumpkin Seed Oil Extracted From Cucurbita maxima Improves Urinary Disorder in Human Overactive Bladder.J Tradit Complement Med. 2014;4(1): 72–74.
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |