ओ कान्हा आ रे तू आजा मोहन गिरधारी

ओ कान्हा आ रे तू आजा मोहन गिरधारी

ओ कान्हा आ रे,
तू आजा मोहन गिरधारी,
की तरसे गुजरिया सारी,
पुकारे राधा बेचारी,
ओ कान्हा आ रे।।

~~
सूना पड़ा है मधुबन सारा,
तेरे बिना ओ कन्हाई,
ओ कान्हा रे,
सूना पड़ा है मधुबन सारा,
तेरे बिना ओ कन्हाई,
आजा, सूना यमुना तट,
तुझ बिन सूना है पनघट,
सूना~सूना गुजरियों का मन,
ओ कान्हा आ रे।।

~~
यमुना किनारे गुजरियों के,
कपड़ों को कौन चुराए,
ओ कान्हा रे,
यमुना किनारे गुजरियों के,
कपड़ों को कौन चुराए,
सूनी ग्वालों की टोली,
सूने तेरे हमजोली,
सूने~सूने हैं सबके नयन,
ओ कान्हा आ रे।।

~~
अपना बना के क्यों बिसराया,
ओ निर्मोही बता जा,
ओ कान्हा रे,
अपना बना के क्यों बिसराया,
ओ निर्मोही बता जा,
आजा माखन खा ले रे,
हमको लाख सता ले रे,
हर्ष सब कुछ करेंगे सहन,
ओ कान्हा आ रे।।

~~
ओ कान्हा आ रे,
तू आजा मोहन गिरधारी,
की तरसे गुजरिया सारी,
पुकारे राधा बेचारी,
ओ कान्हा आ रे।।


ओ कान्हा आ रे | O Kanha Aa re | श्याम की याद में एक दिल छू लेने वाला भजन | Mukesh Bagda | Video

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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