शंकर मेरा प्यारा लिरिक्स

इस भजन में गायक शंकर (भगवान शिव) के प्रति अपने प्यार और भक्ति का व्यक्त कर रहा है। वह अपनी माता से माँग रहा है कि वह उसको ऐसी मूर्ति दे जिसके सिर से गंगा नदी की धारा निकले। गायक शंकर के गुण और महिमा की प्रशंसा करते हुए यह भजन एक भक्ति भावपूर्ण वंदना है।

शंकर मेरा प्यारा लिरिक्स Shankar Mera Pyara

शंकर मेरा प्यारा,
शंकर मेरा प्यारा,
माँ री माँ मुझे मूरत ला दे,
शिव शंकर की मूरत ला दे,
मूरत ऐसी जिस के सर से,
निकले गंगा धारा।

माँ री माँ वो डमरू वाला,
तन पे पहने मृग की छाला,
रात मेरे सपनो में आया,
आ के मुझ को गले लगाया,
गले लगा कर मुझ से बोला,
मैं हूँ तेरा रखवाला।

माँ री माँ वो मेरा स्वामी,
मैं उस के पथ की अनुगामी,
वो मेरा है तारण हारा,
उस से मेरा जग उजारा,
है प्रभु मेरा अन्तर्यामी,
सब का है वो रखवाला।

शंकर मेरा प्यारा,
शंकर मेरा प्यारा,
माँ री माँ मुझे मूरत ला दे,
शिव शंकर की मूरत ला दे,
मूरत ऐसी जिस के सर से,
निकले गंगा धारा।

शंकर मेरा प्यारा - यहां शिवजी को प्यारा कहा गया है, जिसकी धुन पर यह भजन गाया गया है।
माँ री माँ मुझे मूरत ला दे - यहां भक्त मां से प्रार्थना है कि वे उसे एक ऐसी मूर्ति लाकर दे।
शिव शंकर की मूरत ला दे - भक्त मां से विनती है कि वे उसे शिव शंकर की मूर्ति लाकर दे।
मूरत ऐसी जिस के सर से निकले गंगा धारा - भक्त की इच्छा है कि वे मूर्ति ऐसी हो जिसके सिर से गंगा निकले, जो शिवजी की पवित्र धारा है।
माँ री माँ वो डमरू वाला - यहां भक्त अपनी मां को शिव जी के बारे में बताता है की वो तो डमरू वाले हैं.
तन पे पहने मृग की छाला - शिव जी मृग/हिरण की छाल, वस्त्र धारण करते हैं.
रात मेरे सपनो में आया - भक्त को रात में शिवजी का स्वप्न आये.
आ के मुझ को गले लगाया, गले लगा कर मुझ से बोला, मैं हूँ तेरा रखवाला : स्वप्न में आकर वो बोले की मैं तुम्हारा रखवाला हूँ, और उन्होंने भक्त को गले से लागाया.
माँ री माँ वो मेरा स्वामी, - मेरी माँ वो मेरा स्वामी है,
मैं उस के पथ की अनुगामी, - मैं उसके पथ का अनुयायी हूँ,
वो मेरा है तारण हारा, - वो मेरा तारण (उद्धारक) है,
उस से मेरा जग उजारा, - उनसे ही मेरे जीवन में उजियारा है.
है प्रभु मेरा अन्तर्यामी, - मेरा प्रभु मेरा अन्तर्यामी है,
सब का है वो रखवाला। - सभी का वो रखवाला है।
शंकर मेरा प्यारा, - शंकर मेरा प्यारा है,
शंकर मेरा प्यारा, - शंकर मेरा प्यारा है,
माँ री माँ मुझे मूरत ला दे, - मेरी माँ, मुझे एक मूर्ति दे दो,
शिव शंकर की मूरत ला दे, - शिव शंकर की मूर्ति दे दो,
मूरत ऐसी जिस के सर से, - एक ऐसी मूर्ति जिसके सिर से,
निकले गंगा धारा। - शिव के शीश से गंगा की धारा निकलती है।
Next Post Previous Post