शिव बन गये रे महाकाल लिरिक्स Shiv Ban Gaye Re Mahakal Lyrics

शिव बन गये रे महाकाल लिरिक्स Shiv Ban Gaye Re Mahakal Lyrics

शंकर भोलेनाथ की,
लीला बड़ी कमाल
भक्तो की रक्षा को,
शिव बन गये रे महाकाल,
भक्तो की रक्षा को,
शिव बन गये रे महाकाल।

महाकाल की जय सब बोलो,
महाकाल की जय सब बोलो,
अंतर मन के पट सब खोलो,
ज्ञान दायनी कथा है भक्तो,
पाप नाशनी कथा है भक्तो,
कालो के भी काल है भोले,
उज्जैनी महाकाल है भोले,
कथा सुने जो चित्त लगाकर,
कथा सुने जो चित्त लगाकर,
उसको कृपा मिले बराबर,
उसको कृपा मिले बराबर।

उज्जैन में एक ब्राह्मण रहता,
अपने दिल की शिव से कहता,
प्रतिदिन करता पूजा अर्चन,
शिव चरणों का करता वंदन,
भोले जी की धुन में रहता,
नहीं किसी के डर से डरता,
गुजर रहा था मजे से जीवन,
ना थी घर में कोई उलझन,
चारो पुत्र के संग,
रहता था ब्राह्मण खुशहाल,
भक्तो की रक्षा को,
शिव बन गये रे महाकाल।

दुष्ट हुआ एक पैदा दूषण,
विघ्न करे पूजा में हर दिन,
रत्नमाल पर्वत के ऊपर,
करी तपस्या और भयंकर,
ब्रह्मा जी खुश होकर आये,
वर मांगो यौ वचन सुनाये,
वर दूषण ने माँगा अजय का,
ब्रह्मा जी का माथा ठनका,
ब्रह्मा बोले सुनो हमारी,
होगी इच्छा पूर्ण तुम्हारी,
लिया जो शिव भक्तो से पंगा,
जान तेरी को पड़े अड़ंगा,
जो चाहे मृत्यु से बचना,
शिव भक्तो से बचके रहना,
मिथ्यावाणी ना हो मेरी,
बाकि आगे मर्जी तेरी,
शिव भक्तो को दुख दिया तो,
आयेगा तेरा काल,
भक्तो की रक्षा को,
शिव बन गये रे महाकाल।

पुत्रो के संग ब्राह्मण एक दिन,
करता था शिव जी का पूजन,
तभी वहां पर दूषण आया,
हवन यज्ञ में विघ्न मचाया,
बोलै मैं हूँ जनम से क्रोधी,
पूजा पाठ का मैं हूं विरोधी,
जीना चाहो अगर ख़ुशी से,
कर दो पूजा बंद अभी से,
शिवलिंग तोड़ा फेंकी थाली,
लगा सुनाने गन्दी गाली,
फिर भी ना घबराये ब्राह्मण,
करते रहे शिव का आवाहन,
शीघ्र पधारो शिव त्रिपुरारी,
देता कष्ट हमे असुरारी,
भोले हम पर दया कीजिये,
दुष्ट असुर को सजा दीजिये,
करुणा क्रंदन सुन के,
शिव के नैना हो गये लाल,
भक्तो की रक्षा को,
शिव बन गये रे महाकाल।

यज्ञ स्थल में प्रगटे भोले,
दूषण से गुस्से में बोले,
जो दुख शिव भक्तो को देगा,
प्राण मैं उसके आ हर लेगा,
इतना कह भोले हुंकारे,
झट दूषण के प्राण निकारे,
भाग खड़ी हुई उसकी सेना,
देखे जब शंकर के नैना,
दुष्ट मरा गूंजे जयकारे,
बजी दुंदुभि नभ के द्वारे,
ख़ुशी देवता हो गए भारी,
मर गया दूषण अत्याचारी,
लगे बरसने फूल गगन से,
पाप उतर गया आज धरण से,
भोले कहाँ लगे ब्राह्मण से,
वर मांगो तुम अपने मन से,
जो मांगोगे आज,
तुम्हे मैं दूंगा वही तत्काल,
भक्तो की रक्षा को,
शिव बन गये रे महाकाल।

हाथ जोड़कर ब्राह्मण बोले,
इतनी कृपा करिये भोले,
आये दिन यहाँ दुष्ट पनपते,
पूजा पाठ ना करने देते,
असूरो का डर रोज सताये,
पूजा में मन लग ना पाए,
असुरो से प्रभु रक्षा करिये,
सदा सदा को यही पे रहिये,
बोले भोले फ़िक्र करो ना,
बिलकुल भी तुम मन में डरो ना,
ना तुम को मजबूर करूँगा,
दुखड़े सबके दूर करूँगा,
महाकाल का नाम धरूंगा,
यहाँ सदा में वास करूँगा,
हुए समाहित लिंग में भोले,
उस दिन से शिव शंकर जी का,
नाम पड़ा महाकाल,
भक्तो की रक्षा को,
शिव बन गये रे महाकाल।

महाकाल उज्जैन के राजा,
इनके पूजे सकल समाजा,
भस्म आरती महाकाल की,
गति बदलती चक्र काल की,
महाकाल सा देव ना दूजा,
दुनिया करती इनकी पूजा,
जिसने अपना माथा टेका,
बदली उसकी किस्मत रेखा,
द्वार है सच्चा महाकाल का,
मोह मिटाता माया जाल का,
मुंह माँगा वर यहाँ पर मिलता,
मुरझा मुकद्दर फिर से खिलता,
राजा हो या रंक सौदागर,
महाकाल को सब है बराबर,
महाकाल की लीला न्यारी,
लिखे हकीकत तथ्य अनाड़ी,
महाकाल के दर्शन करके,
कटते सभी बवाल
भक्तो की रक्षा को,
शिव बन गये रे महाकाल,
भक्तो की रक्षा को,
शिव बन गये रे महाकाल।

शंकर भोलेनाथ की,
लीला बड़ी कमाल
भक्तो की रक्षा को,
शिव बन गये रे महाकाल,
भक्तो की रक्षा को,
शिव बन गये रे महाकाल।
 



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