जय शिव शंकर भोले शंकर, मेरी छोटी सी प्यारी सी गौरा, चली है शिव को मनाने को, मेरी छोटी सी प्यारी सी गौरा, चली है शिव को मनाने को।
शिव को मनाने को, शिव को रिझाने को, शिव को मनाने को, शिव को रिझाने को, मेरी छोटी सी प्यारी सी गौरा, चली है शिव को मनाने को।
निर्जल तन से निश्छल मन से, निर्जल तन से निश्छल मन से, नित वंदन करती थी लगन से, नित वंदन करती थी लगन से, लेके उपवन से फूल और माला, चली है शिव को सजाने को, मेरी छोटी सी प्यारी सी गौरा, चली है शिव को मनाने को।
नित गंगा तट पर जाती है, नित गंगा तट पर जाती है, भर के लौटा जल लाती है, भर के लौटा जल लाती है, और लाती है भांग धतूरा, देखो शिव को रिझाने को, मेरी छोटी सी प्यारी सी गौरा, चली है शिव को मनाने को।
रोज एक ही अर्ज लगाती, रोज एक ही अर्ज लगाती, शिव को पति रूप में पाती, शिव को पति रूप में पाती, चले उर्मी अमन और केशव भी, अपने अर्जी लगाने को, मेरी छोटी सी प्यारी सी गौरा, चली है शिव को मनाने को।
शिव को मनाने को, शिव को रिझाने को, शिव को मनाने को, शिव को रिझाने को, मेरी छोटी सी प्यारी सी गौरा, चली है शिव को मनाने को, मेरी छोटी सी प्यारी सी गौरा, चली है शिव को मनाने को।
Sawan Shivratri Special Bhajan - छोटी सी गौरा चली शिव को मनाने - Keshav Sharma @ambeyBhakti