श्री अमरनाथ ईश्वरम् शिव भजन
नमाम्यहं महेश्वरम्,
डमा डमा नमाम्यहम,
श्री अमरनाथ ईश्वरम्,
हिमानि शिव नमाम्यहम,
बर्फ़ानी शिव शंकरम्,
हैं आप क्यूँ अजर अमर,
जब गूंजे ये उमा के स्वर,
निकल पड़े उमा के नाथ,
बताने वो गुफ़ा अमर।
हैं आप क्यूँ अजर अमर,
जब गूंजे ये उमा के स्वर,
निकल पड़े उमा के नाथ,
बताने वो गुफ़ा अमर।
नमामि आदि शंकरम्,
नमाम्यहं महेश्वरम्,
डमा डमा नमाम्यहम,
श्री अमरनाथ ईश्वरम्,
हिमानि शिव नमाम्यहम,
बर्फ़ानी शिव शंकरम्।
रहस्य गूढ़ था अमर,
न जाने चर सुने न चर,
सब छोड़ते पड़ाव में,
नंदी को पहल गांव में,
नमामि आदि शंकरम्,
नमाम्यहं महेश्वरम्,
डमा डमा नमाम्यहम,
श्री अमरनाथ ईश्वरम्,
हिमानि शिव नमाम्यहम,
बर्फ़ानी शिव शंकरम्।
माथे पर चंदा चम चमे,
चंदन सुवासित डम डमे,
सूनी जटा अब हो गयी,
चंदनबाड़ी कहे ताव में,
सब मोह माया विरागते,
गं गं गणेश त्यागते,
जब सुत शिवा से है विरत,
समझो महागुन हैं निकट।
नमामि आदि शंकरम्,
नमाम्यहं महेश्वरम्,
डमा डमा नमाम्यहम,
श्री अमरनाथ ईश्वरम्,
हिमानि शिव नमाम्यहम,
बर्फ़ानी शिव शंकरम्।
गुफ़ा से पहले पड़ाव में,
सारे तत्व बहते बहाव में,
पंचतरणी संगम है सुघर,
सरितायें कहती कथा अमर।
नमामि आदि शंकरम्,
नमाम्यहं महेश्वरम्,
डमा डमा नमाम्यहम,
श्री अमरनाथ ईश्वरम्,
हिमानि शिव नमाम्यहम,
बर्फ़ानी शिव शंकरम्।
हुंकारी भर सुन ली कथा,
दो कबूतरों की ये व्यथा,
तीर्थों में तीर्थ सब पाप हर,
श्री अमरनाथ जी हैं अमर।
हैं आप क्यूँ अजर अमर,
जब गूंजे ये उमा के स्वर,
निकल पड़े उमा के नाथ,
बताने वो गुफ़ा अमर।
नमामि आदि शंकरम्,
नमाम्यहं महेश्वरम्,
डमा डमा नमाम्यहम,
श्री अमरनाथ ईश्वरम्,
हिमानि शिव नमाम्यहं,
बर्फ़ानी शिव शंकरम्।
नमामि आदि शंकरम्,
नमाम्यहं महेश्वरम्,
डमा डमा नमाम्यहम,
श्री अमरनाथ ईश्वरम्,
हिमानि शिव नमाम्यहम,
बर्फ़ानी शिव शंकरम्।
Shri Amarnath Ishwaram Video Song | Sachet Tandon | Aman Pant | Nitishwar Kumar| Bhushan Kumar
उमा के स्वर गूंजते हैं तो बर्फानी शिव निकल पड़ते हैं, अमर गुफा का रहस्य बताने को बेचैन हो जाते हैं। हिमानी शिव को नमस्कार करते हुए महसूस होता है कि आदि शंकर से महेश्वर तक ये डम डम की ध्वनि अमरता का संदेश देती है। हमें सिखाते हैं कि गुफा पहुंचने से पहले नंदी को गांव में छोड़ना, चंद्रमा को जटाओं से मुक्त करना, ये त्याग ही महागुणों के करीब ले जाते हैं।
पंचतरणी के संगम पर सरिताएं कथा कहती बहती हैं, जहां तत्व बहते दिखते हैं। दो कबूतरों की व्यथा सुनकर मन श्रद्धा से भर जाता है, तीर्थों का तीर्थ बनकर पाप हर लेते हैं। माथे पर चंद्र चमकता, चंदन की सुगंध घुलती, तो मोह-माया से विराग हो जाता है।
Song: Amarnath Ishwaram
Music : Aman Pant
Singer : Sachet Tandon
Additional Vocals : Piyush Kapoor
Lyrics : Nitishwar Kumar
Bass, Guitars Arranged and Played By: Rhythm Shaw
Drums : Darshan Doshi
Sitar : Hardik Verma
Pakhawaj and Percussions : Sanket Naik
Additional Percussions : Jayant Patnaik
Additional Programming : Neil Andrew
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