गुरांसा ऐसा रंग चढ़ाया

गुरांसा ऐसा रंग चढ़ाया

जो ना उतरे तीन काळ में,
दिन दिन होत सवाया,
गुरांसा ऐसा रंग चढ़ाया।

छिपीं छाप सके नहीं,
ऐसा ना रंगरेज रंगाया,
कहन सुणन में आव नाहीं,
दिन दिन होत सवाया,
जो न उतरे तीन काळ में,
दिन दिन होत सवाया,
गुरांसा ऐसा रंग चढ़ाया।

श्याम सफ़ेद पीला नहीं,
नीला अद्भुद वर्ण बनाया,
नेत्र नाही पहचान सकत है,
गुरूजी सेन बताया,
जो न उतरे तीन काळ में,
दिन दिन होत सवाया,
गुरांसा ऐसा रंग चढ़ाया।

हृदय वस्त्र रंग भक्ति का,
लागत परम सवाया,
ज्ञान विज्ञान लहरिया,
किन्या ओढ़ प्रेम सुख पाया,
जो न उतरे तीन काळ में,
दिन दिन होत सवाया,
गुरांसा ऐसा रंग चढ़ाया।

चम्पानाथ प्रेम के रंग में,
रंग कंठा पहनाया,
सहजी सुन्न में लगी,
समाधी अमृतनाथ सवाया,
जो न उतरे तीन काळ में,
दिन दिन होत सवाया,
गुरांसा ऐसा रंग चढ़ाया।
 



Aisa Rang Chadhaya Gurasa || ऐसा रंग चढ़ाया गुरांसा || नाथजी भजन लिरिक्स || Bau Dham

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