जाऊँ कहाँ तजि चरन तुम्हारे लिरिक्स Jaau Kaha Taji Charan Lryics

जाऊँ कहाँ तजि चरन तुम्हारे लिरिक्स Jaau Kaha Taji Charan Lryics

जाऊँ कहाँ तजि चरन तुम्हारे,
काको नाम पतित पावन जग,
केहि अति दीन पियारे।

कौन देव बिराई बिरद हित,
हठि हठि अधम उधारे,
खग मृग व्याध,
पाषाण बिटप जड,
यवन कवन सुर तारे,
जाऊँ कहाँ तजि चरन तुम्हारे।

देव दनुज मुनि नाग मनुज सब,
माया बिबस बिचारे,
तिनके हाथ दास तुलसी,
प्रभु कहां अपनपौ हारे,
जाऊँ कहाँ तजि चरन तुम्हारे।
 


Jaun kahan taji charan।Vinay Patrika વિનય પત્રિકા বিনয পত্রি@shriram_bhakti @rambhajansonotek

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