मैं पहले मनाऊं गौरी ललन को भजन
गौरी पुत्र गणेश,
रिद्धि सिद्धि सहित पधारो,
काटो सकल क्लेश,
विघ्न हरण मंगल करण,
सिद्धि सदन गणराज,
आज सभा में आय के,
रखियो मेरी लाज।
मैं पहले मनाऊं गौरी ललन को,
वही आसरा है मेरी जिंदगी का,
ये आंखें है प्यासी उनके दरस की,
भर देंगे दाता खजाना खुशी का।
मुझे अपने चरणों से नहीं दूर करना,
विघ्न हरण दाता विघन दूर करना,
हमेशा रहूं मैं शरण में तुम्हारी,
टूटे ना ये बंधन कभी बंदगी का,
ये आंखें है प्यासी उनके दरस की,
भर देंगे दाता खजाना खुशी का।
रूप चतुर्भुज तुम्हारा गजानन,
आज पधारो देवा मेरे घर आंगन,
तमन्ना यही और दुआ भी यही है,
सदा दर्श पाऊं मैं गणपति का,
ये आंखें है प्यासी उनके दरस की,
भर देंगे दाता खजाना खुशी का।
सुंदर भजन में गणपति बप्पा और श्रीकृष्णजी के प्रति गहरी भक्ति और समर्पण की भावना झलकती है। मन गौरी पुत्र गणेशजी को सबसे पहले बुलाता है, जैसे कोई अपने घर के द्वार पर दीप जलाकर अतिथि का स्वागत करता हो। गणेशजी का आह्वान विघ्नों को हरने और मंगल करने की आशा से भरा है। भक्त का विश्वास है कि रिद्धि-सिद्धि के दाता उनकी लाज रखेंगे, जैसे कोई संकट में डूबते को किनारा दे देता है।
दूसरी ओर, खाटू के साँवरे के प्रति भक्त का मन ऐसी तड़प लिए है, जैसे मरुभूमि में बारिश की बूंदें तलाशती हैं। आँखें उनके दर्शन को तरसती हैं, और मन उनकी शरण में रहने की प्रबल इच्छा रखता है। यह बंधन बंदगी का इतना पवित्र है कि टूटने का भय तक नहीं। गजानन का चतुर्भुज रूप और श्रीकृष्णजी का स्नेहिल स्वरूप, दोनों ही भक्त के हृदय में बसे हैं। उनकी कृपा से जीवन खुशियों के खजाने से भर जाता है, जैसे सूखी धरती पर फूल खिल उठते हैं।
Song :- Sabse Pehle Tumhe Manau
Singer :- Manish Tiwari
Label :- Unix Music
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