नी मैं सपना सुनावा कल रात दा भजन

नी मैं सपना सुनावा कल रात दा

नी मैं सपना सुनावा कल रात दा,
श्याम नाल गल्लां कितियाँ,
नि मैं सपने च होई गल बात दा,
श्याम नाल गल्लां कितियाँ,
नी मैं सपना सुनावा कल रात दा।

श्याम आ गए ने मेरे वेहड़े,
चानन होया चार चफेरे,
आंख खुली ता वेला प्रभात दा,
श्याम नाल गल्लां कितियाँ,
नी मैं सपना सुनावा कल रात दा।

श्याम आ गये मेरे बूहे,
दर्शन कर ले मेरी रूहे,
अंख खुली ता वेला प्रभात दा,
श्याम नाल गल्लां कितियाँ,
नी मैं सपना सुनावा कल रात दा।

श्याम आ गये ने मेरे अंदर
मैं ता हो गई मस्त कलंधर,
अख खुली ता वेडा प्रभात दा,
श्याम नाल गल्लां कितियाँ,
नी मैं सपना सुनावा कल रात दा।

जद मैं वेखयाँ अखा नू खोल के
श्याम बेठे ने मेरे कोल वे
एह ता वेला सी पहली मुलाकात दा,
श्याम नाल गल्लां कितियाँ,
नी मैं सपना सुनावा कल रात दा।
 


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