ॐ जय गौरी नंदा गणपति आनंद कंदा

ॐ जय गौरी नंदा गणपति आनंद कंदा गणेश जी भजन

 
ॐ जय गौरी नंदा गणपति आनंद कंदा गणेश जी भजन

ॐ जय गौरी नंदा,
प्रभु जय गौरी नंदा,
गणपति आनंद कंदा,
मैं चरणन वंदा,
ॐ जय गौरी नंदा,
ॐ जय गौरी नंदा।

सूंड सूंडालो नयन विशालो,
कुण्डल झलकंता,
कुमकुम केसर चन्दन,
सिंदूर बदन वंदा,
ॐ जय गौरी नंदा,
ॐ जय गौरी नंदा।

मुकुट सुगढ़ सोहंता,
मस्तक सोहंता,
बईया बाजू बन्दा,
ओंची निरखंता,
ॐ जय गौरी नंदा,
ॐ जय गौरी नंदा

रतन जड़ित सिंघासन,
शोभित आनन्दा,
गल मोतियन की माला,
सुर नर मुनि बंदा,
ॐ जय गौरी नंदा,
ॐ जय गौरी नंदा।

मूषक वाहन राजत,
शिव सुत आनंदा,
कहत शिवानन्द स्वामी,
मेटत भव फंदा,
ॐ जय गौरी नंदा,
ॐ जय गौरी नंदा।

कर्पूरगौरं करुणावतारं,
संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम्,
सदावसन्तं हृदयारविन्दे,
भवं भवानीसहितं नमामि।

त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव,
त्वमेव विद्या द्रविणम् त्वमेव,
त्वमेव सर्वम् मम देव देव:।

नीलाम्बुज श्यामल कोमलांगम्,
सीता समा रोपित वाम भागम्,
पाणौ महा सायक चारु चापं,
नमामि रामं रघुवंश नाथम्।

हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे,
हरे कृष्णा हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे।

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवं,
हे नाथ नारायण वासुदेवं,
हे नाथ नारायण वासुदेवं।

अच्चुतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दामोदरं वासुदेवं हरि,
श्रीधरम माधवं गोपिका वल्लभं,
जानकी नायकं राम चन्द्रम भजे।

मौर्य रे बाप्पा मौर्य रे,
मौर्य रे बाप्पा मौर्य रे,
गणपति बाप्पा मौर्य,
मंगल मूर्ति मौर्य।

GANESH JI KI AARTI || गणपति आरती || OM JAY GAURI NANDA || ॐ जय गौरी नंदा || NAMAMI UTTARAKHAND

भजन - ॐ जय गौरी नंदा (गणपति आरती)
स्वर - ऋषभ बिष्ट 
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जब मन “गौरीनंदन” का स्मरण करता है, तब भीतर का बोझ खुद ही उतरने लगता है। वह भगवा आभा, वह सिंदूर से सजी ज्योति, किसी मंदिर के दीपक की तरह नहीं, बल्कि हृदय के भीतर प्रज्ज्वलित ज्वाला बन जाती है। यह स्मरण केवल वंदना नहीं, बल्कि उस शुद्ध चेतना का अनुभव है जो गणपति के रूप में हर आरंभ में विद्यमान है—ज्ञान के साथ सौम्यता, और शक्ति के साथ करुणा। उनकी विशाल दृष्टि सबको समेट लेने वाली है; किसी को छोटा या बड़ा नहीं देखती। ऐसा लगता है कि उनके मौन में ही वह योजना छिपी है जिसमें सृष्टि का हर कार्य, हर गति जुड़ी है।

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