प्रथम गणराज को सुमिरूँ जो रिद्धि सिद्धि दाता है भजन

प्रथम गणराज को सुमिरूँ जो रिद्धि सिद्धि दाता है भजन

जो रिद्धि सिद्धि दाता है,
प्रथम गणराज को सुमिरूं,
जो रिद्धि सिद्धि दाता है।।

मेरी अरदास सुन देवा,
तू मूषक चढ़ के आ जाना,
सभा के मध्य आकर के,
हमारी लाज रख जाना,
हमारी लाज रख जाना,
करूं विनती मैं झुक उनकी,
माँ गौरी जिनकी माता है,
प्रथम गणराज को सुमिरूं,
जो रिद्धि सिद्धि दाता है।।

क्रिया ना मंत्र मैं जानूं,
शरण में तेरी आया हूं,
मेरी बिगड़ी बना देना,
चढ़ाने कुछ ना लाया हूं,
चढ़ाने कुछ ना लाया हूं,
करूं कर जोड़, नम-नम के,
जो मुक्ति के प्रदाता है,
प्रथम गणराज को सुमिरूं,
जो रिद्धि सिद्धि दाता है।।

सुनो शंकर सुवन मुझको,
अबुद्धि ज्ञान दे जाओ,
अंधेरे में भटकते को,
धर्म की राह दिखलाओ,
धर्म की राह दिखलाओ,
अनिल विनती करे उनकी,
विनायक जो कहाता है,
प्रथम गणराज को सुमिरूं,
जो रिद्धि सिद्धि दाता है।।

जो रिद्धि सिद्धि दाता है,
प्रथम गणराज को सुमिरूं,
जो रिद्धि सिद्धि दाता है।।


श्री गणेश भजन | प्रथम गणराज को सुमिरू | Pratham Ganraj Ko Sumiru | Anil Jadhav | Shri Ganesh Bhajan

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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