मान मेरा कहना नहीं तो पछतायेगा
मान मेरा कहना नहीं तो पछतायेगा
मान मेरा कहना,नही तो पछतायेगा,
माटी का खिलौना,
माटी में मिल जायेगा।
सुन्दर रूप देखकर फुला,
धन माया के मद में भुला,
एक दिन हंसा,
अकेले उड़ जायेगा,
माटी का खिलौना,
माटी में मिल जायेगा।
पत्नी पति पिता और माता,
सखा मित्र सहोदर भ्राता,
पल भर में नाता,
सभी का छूट जायेगा,
माटी का खिलौना,
माटी में मिल जायेगा।
धन माया और महल अटारी,
ये सब लालच की है झाड़ी,
खाली हाथ आया यहाँ,
खाली हाथ जाएगा,
माटी का खिलौना,
माटी में मिल जायेगा।
मात पिता तेरे,
कुटुंब कबीला,
बिपत पड़े पर,
कोई न किसी का,
एक दिन हंसा,
अकेले उड़ जायेगा,
माटी का खिलौना,
माटी में मिल जायेगा।
हीरा जवाहरत की,
माला तुम्हारी,
मखमल की गद्दी,
और रेशम की साड़ी,
हैट बूट सूट सब,
टंगा रह जायेगा,
माटी का खिलौना,
माटी में मिल जायेगा।
हीरा जनम तूने ऐसा खोया,
देख बुढ़ापा अब क्यों रोया,
मानुष जन्म बार बार,
नहीं पायेगा,
माटी का खिलौना,
माटी में मिल जायेगा।
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