कबीर मेरा मुझ माहि किछ नहीं Kabir Mera Mujh Mahi Bhajan Lyrics
कबीर मेरा मुझ माहि किछ नहीं,
हो किछ है सो तेरा,
जो किछ है सो तेरा,
मेरा मुझ में कुछ नहीं।
तेरा तुझ को सौंपते,
क्या लागे मेरा,
क्या लागे मेरा,
क्या लागे मेरा,
मेरा मुझ महि किछु नहीं।
मैं नाही प्रभु सभु किछ तेरा,
एखे निरगुन उथे सरगुन,
केल करत बिची सुआमी मेरा,
मेरा मुझ मेह किछ नहीं।
तू जीवन तू प्राण अधारा,
तुझ जी पेखि पेखि मनु सा धारा,
तू सजनु तू प्रीतम मेरा,
चितही न बिसरेह काहू बेरा,
हाऊ किछु नाही सब किछु तेरा,
ओत पोत नानक संगी बसेरा,
मेरा मुझ मेह किछ नहीं।
कबीर मेरा मुझ माहि किछ नहीं,
हो किछ है सो तेरा,
जो किछ है सो तेरा,
मेरा मुझ में कुछ नहीं।
Mera Mujh Mein Kich Nahi Jo Kichh Hai So Tera - Vidhi Sharma | Shabad Kirtan | New Gurbani Shabad
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं