जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले भजन
जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले भजन
जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले,ओ डमरू वाले ओ डमरू वाले,
जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले।
कानों में कुंडल की शोभा निराली,
करते हो बाबा जी बैल की सवारी,
नशे में भांग घटके ओ डमरु वाले,
जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले।
हाथों में त्रिशूल सोहे नेत्र तेरे तीन हैं,
डम डम डमरू बाजे बाजे रही बीन है,
गौरा के संग मटके ओ डमरू वाले,
जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले।
अंग में विभूति सोहे होय जय जय कार है,
रूप है विशाल भोले नंदी पे सवार है,
कानों में बिच्छू लटके ओ डमरू वाले,
जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले।
महिमा अपार तेरी पाया नहीं पार है,
हमको दर्शन देना डमरू वाले बार बार है,
भक्तों का मन तरसे ओ डमरू वाले,
जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले।
जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले।
कानों में कुंडल की शोभा निराली,
करते हो बाबा जी बैल की सवारी,
नशे में भांग घटके ओ डमरु वाले,
जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले।
हाथों में त्रिशूल सोहे नेत्र तेरे तीन हैं,
डम डम डमरू बाजे बाजे रही बीन है,
गौरा के संग मटके ओ डमरू वाले,
जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले।
अंग में विभूति सोहे होय जय जय कार है,
रूप है विशाल भोले नंदी पे सवार है,
कानों में बिच्छू लटके ओ डमरू वाले,
जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले।
महिमा अपार तेरी पाया नहीं पार है,
हमको दर्शन देना डमरू वाले बार बार है,
भक्तों का मन तरसे ओ डमरू वाले,
जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले।
सावन स्पेशल भोले बाबा का धमाकेदार नाचने वाला भजन कीर्तन में गाएं और सब को नचाएं #withlyrics
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Author - Saroj Jangir
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