जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले भजन जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले, ओ डमरू वाले ओ डमरू वाले, जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले। कानों में कुंडल की शोभा निराली, करते हो बाबा जी बैल की सवारी, नशे में भांग घटके ओ डमरु वाले, जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले। हाथों में त्रिशूल सोहे नेत्र तेरे तीन हैं, डम डम डमरू बाजे बाजे रही बीन है, गौरा के संग मटके ओ डमरू वाले, जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले। अंग में विभूति सोहे होय जय जय कार है, रूप है विशाल भोले नंदी पे सवार है, कानों में बिच्छू लटके ओ डमरू वाले, जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले। महिमा अपार तेरी पाया नहीं पार है, हमको दर्शन देना डमरू वाले बार बार है, भक्तों का मन तरसे ओ डमरू वाले, जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले।
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सावन स्पेशल भोले बाबा का धमाकेदार नाचने वाला भजन कीर्तन में गाएं और सब को नचाएं #withlyrics
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Author - Saroj Jangir
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