समय ही हँसाए समय ही रुलाए

समय ही हँसाए समय ही रुलाए

समय ही हँसाए, समय ही रुलाए
समय ने समय को ये क्या दिन दिखाए,
समय रूठ जाए तो सब छूट जाए,
समय ही हँसाए, समय ही रुलाए।।

ये समय हर समय रंग बदलता रहे,
हर घड़ी ये नई चाल चलता रहे,
ये समय हर समय रंग बदलता रहे,
समय ने ही कान्हा को ग्वाला बनाया,
समय ने ही वन~वन राम जी घुमाए।
समय ही हँसाए, समय ही रुलाए।।

जब समय था सही, लोग मिलते कई,
फिर समय ने हर एक नज़र फेर दी,
जिन्हें ज़िंदगी भर हमने हँसाया,
वो आँसू हमारे सुखाने न आए।
समय ही हँसाए, समय ही रुलाए।।

इस समय से बड़ा पारस तू भी नहीं,
इस समय पे किसी का वश नहीं,
ये सच्चे वचन मेरे साईं ने सुनाए,
समय का ये पंछी लौट के न आए।
समय ही हँसाए, समय ही रुलाए।।


सत्संगी भजन - समय ही हसाये समय ही रुलाय || Paras Jain || Most Popular Bhajan

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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