बोली एक अनमोल है जो कोई बोलै जानि मीनिंग
बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि,
हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि.
Boli Ek Anmol Hai, Jo Koi Bole Jani,
Hiye Taraju Touli Ke, Tab Mukh Bahar Aani.
कबीर के दोहे का हिंदी अर्थ/भावार्थ
कबीर साहेब वाणी के महत्त्व को स्थापित करते हुए कहते हैं की वाणी/बोली एक अनमोल वस्तु है, इसे अनर्गल तरीके से काम में लेनी चाहिए। जो कोई बोलना जानता है वह इसे समझ सकता है। बोलने से पहले अपने हृदय में तौल कर अपने मुख से बाहर निकालना चाहिए। आशय है की बिना सोचे समझे कुछ भी बोलना नहीं चाहिए। वाणी एक अनमोल रत्न है। यह हमारे विचारों और भावनाओं को दूसरों तक पहुंचाने का एक शक्तिशाली माध्यम है। पहले चरण में, कबीरदास जी कहते हैं कि जो व्यक्ति अच्छी वाणी बोलता है, वह जानता है कि वाणी अनमोल है।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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