बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय मीनिंग कबीर के दोहे

बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय मीनिंग Bura Jo Dekhan Main Chala Meaning : Kabir Ke Dohe Ka Hindi Arth/Bhavarth

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय.

Bura Jo Dekhan Main Chala, Bura Na Miliya Koy,
Jo Dil Khoja Aapana, Mujhse Bura Na Koy.
 
बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय मीनिंग Bura Jo Dekhan Main Chala Meaning

Kabir Ke Dohe Hindi Meaning कबीर के दोहे का हिंदी अर्थ

दोहे का अर्थ : कबीर साहेब इस दोहे में आत्मअनुसंधान और मंथन पर जोर देते हुए कहते हैं की इस संसार में स्वंय से बड़ा बुरा कोई नहीं है। जब मैं बुरा व्यक्ति खोजने के लिए अग्रसर हुआ तो मैंने पाया की मुझ से बुरा कोई नहीं है, मुझे मुझ समान बुरा व्यक्ति कोई नहीं मिला। मैंने अपने दिल में जब देखा तो पाया की सबसे बुरा तो मैं ही हूँ। आशय है की जब व्यक्ति स्वंय में सुधार लाता है तो सारा संसार ही उसे अच्छा लगने लगता है। हम अक्सर दूसरों की बुराइयां देखते हैं, लेकिन जब हम अपने अंदर झांकते हैं, तो हमें खुद में ही बहुत सी बुराइयां दिखाई देती हैं। हम स्वार्थी, ईर्ष्यालु, क्रूर, और अन्य बुरे गुणों से भरे होते हैं। यह एक स्वाभाविक प्रवृत्ति है कि हम दूसरों की बुराइयों को देखते हैं। हम ऐसा इसलिए करते हैं ताकि अपनी बुराइयों से बच सकें। लेकिन यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हम सभी में बुराई है। हमें अपनी बुराइयों को स्वीकार करना होगा और उन्हें दूर करने का प्रयास करना होगा।
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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