विणी छोड़ वेद वीर मुझे पीड़ न्यारी
विणी छोड़ वेद वीर मुझे पीड़ न्यारी
विणी छोड़ वेद वीर,
मुझे पीड़ न्यारी,
विणी को तू भेद न जोने,
तू बड़ो अनाड़ी।।
पाना जेड़ी पिली भई,
पलंगीय पौधाड़ी,
विरह की कटारी काने,
उर विच मारी।।
विणी छोड़ वेद वीर,
मुझे पीड़ न्यारी।।
आँगलियां अनेक रेखा,
कर्म रेख न्यारी,
दांतों की बाटीसी कान्हा,
सोवन मैंख सारी।।
विणी छोड़ वेद वीर,
मुझे पीड़ न्यारी।।
गोकुला में कोन्हो बसे,
वासु मेरी यारी,
उसी को बुलाई लाओ,
वही वेद भारी।।
विणी छोड़ वेद वीर,
मुझे पीड़ न्यारी।।
जमना रे तट नागनाथयो,
शेष कलाधारी,
बाई मीरा लाल गिरधर ओ,
चरणां री बलहारी।।
विणी छोड़ वेद वीर,
मुझे पीड़ न्यारी।।
मुझे पीड़ न्यारी,
विणी को तू भेद न जोने,
तू बड़ो अनाड़ी।।
पाना जेड़ी पिली भई,
पलंगीय पौधाड़ी,
विरह की कटारी काने,
उर विच मारी।।
विणी छोड़ वेद वीर,
मुझे पीड़ न्यारी।।
आँगलियां अनेक रेखा,
कर्म रेख न्यारी,
दांतों की बाटीसी कान्हा,
सोवन मैंख सारी।।
विणी छोड़ वेद वीर,
मुझे पीड़ न्यारी।।
गोकुला में कोन्हो बसे,
वासु मेरी यारी,
उसी को बुलाई लाओ,
वही वेद भारी।।
विणी छोड़ वेद वीर,
मुझे पीड़ न्यारी।।
जमना रे तट नागनाथयो,
शेष कलाधारी,
बाई मीरा लाल गिरधर ओ,
चरणां री बलहारी।।
विणी छोड़ वेद वीर,
मुझे पीड़ न्यारी।।
विणि छोड़ वेद वीर मुझे पीड़ न्यारी है || मीराबाई भजन || singer ranveer singh rathore || Meera bhajan
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Admin - Saroj Jangir
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