कान्हा बरसाने में आ जइयो लिरिक्स Kanha Barsane Me Lyrics
कान्हा बरसाने में आ जइयो लिरिक्स Kanha Barsane Me Lyrics : Krishna Bhajan
कान्हा बरसाने में आय जइयो,बुलाई गई राधा प्यारी,
बुलाई गई राधा प्यारी,
कान्हा बरसाने में आय जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी,
बुलाई गई राधा प्यारी,
बुलाई गई राधा प्यारी,
बुलाई गई राधा प्यारी,
ओ कान्हा बरसाने मे आय जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी,
कान्हा बरसाने मे आय जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी।
जब कान्हा रे तोहे भूख लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे भूख लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे भूख लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे भूख लगेगी,
आहा माखन मिश्री खाए जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी,
कान्हा बरसाने में आय जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी।
जब कान्हा रे तोहे प्यास लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे प्यास लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे प्यास लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे प्यास लगेगी,
आहा ठंडा पानी पी जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी,
कान्हा बरसाने मे आय जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी।
जब कान्हा रे तोहे ठंड लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे ठंड लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे ठंड लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे ठंड लगेगी,
आहा काली कंबलिया ले जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी,
कान्हा बरसाने मे आय जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी।
जब कान्हा रे तोहे गर्मी लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे गर्मी लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे गर्मी लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे गर्मी लगेगी,
आहा मोर का पंखा ले जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी,
कान्हा बरसाने मे आय जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी।
जब कान्हा रे तोहे नींद लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे नींद लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे नींद लगेगी,
जब कान्हा रे तोहे नींद लगेगी,
आहा मखमली गद्दे पे सो जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी,
कान्हा बरसाने में आय जइयो,
बुलाई गई राधा प्यारी।
कान्हा बरसाने में आ जइयो | Kanha Barsane Mein Aaye Jaiyo | Krishna Bhajan | Radha Krishna Bhajan
बरसाना, उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल है। यह श्रीकृष्ण की लीलाओं का स्थल है। कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म नंदगांव में हुआ था, लेकिन उनका बचपन बरसाना में बीता था।
बरसाना में श्रीकृष्ण की कई लीलाओं के प्रमाण मिलते हैं। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण अक्सर बरसाना की गोपियों के साथ खेला करते थे। वे गोपियों के साथ मटका फोड़ने, रास लीला करने और उन पर छेड़छाड़ करने के लिए प्रसिद्ध थे।
बरसाना में श्रीकृष्ण की कई लीलाओं के प्रमाण मिलते हैं। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण अक्सर बरसाना की गोपियों के साथ खेला करते थे। वे गोपियों के साथ मटका फोड़ने, रास लीला करने और उन पर छेड़छाड़ करने के लिए प्रसिद्ध थे।