कहां से हर लाए स्वामी सुघड़ नार भजन
सुघड़ नार तपसी की,
कहां से हर लाए स्वामी,
सुघड़ नार तपसी की।
पंचवटी से लंका में आए,
यहीं पर रहो रानी,
स्वामी सुघड़ नार तपसी की।
किसकी बहू है किसकी बेटी,
किसकी घरवाली स्वामी,
सुघड़ नार तपसी की।
दशरथ की बहू,
जनक की बेटी,
राम की है घरवाली रानी,
सुघड़ नार तपसी की।
किसने कहि है किसके कारण,
काहे को हर लाए स्वामी,
सुघड़ नार तपसी की।
मेरी बहन को मान घटाया,
जाहि ते हर लाए रानी,
सुघड़ नार तपसी की।
श्रीराम है अंतर्यामी,
तीन लोक के हैं वह स्वामी,
वापस कर आओ स्वामी,
सुघड़ नार तपसी की।
कुसुम चौहान का भजन | कहाँ से ले आया ऐसी सुगर नार तपसी की |Ram Bhajan 2022
► Album \Song :- कहाँ से ले आया ऐसी सुगर नार तपसी की | Kahan Se Le Aaya Aisi Sugar Naar Tapsi Ki
► Singer :- Kusum Chauhan
► Lyrics :- Kusum Chauhan
► DOP :- Samir Ilahi
► Production :- Inder Rawat
► Music :- Pintu & Party
► Editor :- Deepak Gautam
पंचवटी से लंका ले जाकर स्वामी ने सुघड़ नार तपसी की किस बहू बेटी को हर लिया, दशरथ की बहू जनक की बेटी राम की घरवाली सीता मां को। यह हरपण भक्ति की परीक्षा था, जहां श्रीराम अंतर्यामी तीन लोक के स्वामी हैं, जो हर संकट में रक्षा करते हैं। तपसी की तड़प में छिपी ममता हमें सिखाती है कि प्रभु सब जानते हैं, बस पुकार सच्ची हो।
मान घटाने वाली इस लीला से सीख मिलती है कि भगवान की योजना में सब उचित है, वापस लौटाकर वे सब संभाल लेते हैं। सुघड़ नारी का त्याग जीवन को नई दिशा देता है, जहां समर्पण से हर दुख मिट जाता है। यह कथा दिल को छू जाती है, याद दिलाती है कि राम काज किन्हे बिनु प्रभु अति दुखी।
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