माटी कहे कुम्हार से तु क्या रौंदे मोय हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

माटी कहे कुम्हार से तु क्या रौंदे मोय हिंदी मीनिंग Mati Kahe Kumhar Se Meaning : Kabir Ke Dohe

माटी कहे कुम्हार से, तु क्या रौंदे मोय ।
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूंगी तोय ॥ 

Mati Kahe Kumhar Se Tu Kya Ronde Moy,
Ek Din Aisa Aayega, Main Rondungi Toy.
 
माटी कहे कुम्हार से तु क्या रौंदे मोय हिंदी मीनिंग Mati Kahe Kumhar Se Meaning
 
 
हिंदी अर्थ/भावार्थ : माटी कहे कुम्हार से, तू क्या रौंदे मोहे एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूंगी तोहे. इस दोहे का भावार्थ यह है कि कुम्हार अपने पांवों से मिटटी को कुचल कर उससे मिटटी के बर्तन बनाता है, इसे माध्यम बनाकर मिटटी कुम्हार से कह रही है की आज तुम मुझे रोंद रहे हो, लेकिन एक रोज ऐसा आएगा जब मैं तुमको रोंदुंगी. आशय है की जीव को मिटटी में मिल जाना है, वह संसार में स्थाई नहीं है. अतः मोह माया का त्याग करके हरी भक्ति करनी चाहिए. कबीर साहेब का कथन है की एक रोज काल सभी को अपना ग्रास बना लेगा इसलिए अभिमान को त्यागकर हरी के नाम का सुमिरन करना चाहिए. एक रोज ऐसा आएगा जब मिटटी सभी को अपने पांवों के तले कुचल देगी, सभी मृत्यु को प्राप्त होंगे इसलिए नित्य ही हरी के नाम का सुमिरन करना चाहिए.

अतः स्पष्ट है की जीवन क्षणभंगुर है और हमें इसका सदुपयोग हरी भक्ति के रूप में करना चाहिए. हमें मोह माया के बंधन में नहीं फंसना चाहिए. हमें ईश्वर की भक्ति में अपना मन लगाना चाहिए और ईश्वर के प्रति समर्पित होना चाहिए.
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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