बारबार नहिं करि सकै पाख पाख करि लेय मीनिंग Barbar Nahi Kari Sake Meaning : Kabir Ke Dohe Ka Hindi Arth/Bhavarth
बारबार नहिं करि सकै, पाख - पाख करि लेय,
कहैं कबीर सों भक्त जन, जन्म सुफल करि लेय|
Bar Bar Nahi Kari Sake, Pakh Pakh Kari Ley,
Kahe Kabir So Bhakt Jan, Janm Sufal Kari Lye.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
सतगुरु के दर्शन करने के सम्बन्ध में कबीर का सन्देश है की यदि बार बार सतगुरु के दर्शन ना हो पाए तो भी पंद्रह दिनों के अंतराल में गुरु के दर्शन किया जाना चाहिए। ऐसे भक्त जन जो नित्य ही संतजन के दर्शन करते हैं उनका सफल होता है.इस दोहे में कबीर दास जी सन्तो के दर्शन के महत्व पर प्रकाश डालते हैं। वे कहते हैं कि यदि कोई भक्त प्रतिदिन संतों के दर्शन नहीं कर सकता तो वह प्रति पंद्रह दिन में कर ले। ऐसा करने से भी वह अपना जन्म सफल बना सकता है। कबीर दास जी के अनुसार, संतों के दर्शन से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। संतों के पास ईश्वरीय ज्ञान है। उनके दर्शन से मनुष्य के हृदय से पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष प्राप्त होता है।
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |