जपो री माला राम की जपो री घनश्याम
जपो री माला राम की जपो री घनश्याम की
जपो री माला राम की,जपो री घनश्याम की,
तुम आओ सखियों,
जपो री माला राम की,
जपो री माला राम की,
जपो री घनश्याम की।
राणा ने मीरा को सताया,
जहर का प्याला उसे पिलाया,
उसे दर्शन दे गया रे,
प्याले में घनश्याम जी,
जपो री माला राम की,
जपो री घनश्याम की।
जंगल जंगल शबरी भटकी,
बेरों की भर के लाई रे टोकरी,
उसे दर्शन दे गए रे,
कुटिया में भगवान जी,
जपो री माला राम की,
जपो री घनश्याम की।
भरी सभा में द्रोपदी घेरी,
राखी लाज करी ना देरी,
उसे दर्शन दे गए री,
पल्ले में घनश्याम जी,
जपो री माला राम की,
जपो री घनश्याम की।
नारी अहिल्या इंद्र ने सताई,
उसके पति ने पत्थर की बनाई,
उसे दर्शन दे गये री,
पत्थर में भगवान जी,
जपो री माला राम की,
जपो री घनश्याम की।
नरसी चल दिया,
सिरसागढ़ ही में,
गाड़ी सवारी आए,
एक पल में,
उसे दर्शन दे गये री,
पटले पर घनश्याम जी।
सत्संग कर रही सखियां सारी,
ढोलक बज रही बज रही ताली,
उन्हें दर्शन दे गये जी,
मंदिर में घनश्याम जी,
जपो री माला राम की,
जपो री घनश्याम की।