खीर रूप हरि नाँव है नीर आन व्यौहार मीनिंग Kheer Rup Hari Nav Hai Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Meaning
खीर रूप हरि नाँव है, नीर आन व्यौहार।
हंस रूप कोइ साध है, तत का जाणहार॥
Kheer Rup Hari Nav Hai, Neer Aan Vyohar,
Hans Rup Koi Sadh Hai, Tat Ka Jaanhar.
कबीर के दोहे हिंदी मीनिंग Kabir Ke Dohe Hindi Meaning
ईश्वर क्षीर रूप हैं और अन्य सभी जल रूप में है। हंस रूप में कोई विरला साधु होता है इस तत्व को जान पाता है। आशय है की सामान्य जल को छोड़कर साधू रूप का व्यक्ति ही अमूल्य तत्व की और अग्रसर होता है। हरी का नाम क्षीर रूप में है और जगत का अन्य व्यवहार सामान्य जल की भाँती है. कोई एक आध ही बिरला (बहुत विरल) ही होगा जो हंस रूप में है और जो तत्व का ज्ञानी हंस रूप में साधू ही तत्व का ज्ञानी होता है.
इस दोहे में कबीर साहेब कहते हैं कि भगवान का स्वरूप दूध की तरह है, जो शुद्ध और निर्मल है। जगत के अन्य व्यवहार जल की तरह हैं, जो दूषित और अशुद्धि से भरे हुए हैं। कोई विरला साधु ही हंस रूप में है, जो तत्त्व का जानने वाला है।
इस दोहे में कबीर साहेब कहते हैं कि भगवान का स्वरूप दूध की तरह है, जो शुद्ध और निर्मल है। जगत के अन्य व्यवहार जल की तरह हैं, जो दूषित और अशुद्धि से भरे हुए हैं। कोई विरला साधु ही हंस रूप में है, जो तत्त्व का जानने वाला है।
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |