गणपति राखो मेरी लाज पूरण कीजो मेरे काज
गणपति राखो मेरी लाज पूरण कीजो मेरे काज
सकल विघ्न कर दूर हमारे,
मम वंदन स्वीकार करो प्रभु जी,
चरण शरण हम आये तुम्हारी,
जय गणेश गणनाथ दयानिधि,
गणपति राखो मेरी लाज,
पूरण कीजो मेरे काज।
सदा रहे खुशहाल,
गणपति लाल,
जो प्रथमें तुम्हें धियावे,
रिद्धि सिद्धि के दाता,
ओ भाग्यविधाता,
वो सब कुछ तुमसे पाये,
विनती सुन लो मेरी आज,
गणपती राखो मेरी लाज,
पूरण कीजो मेरे काज।
कभी ना टूटे आस मेरा विश्वास,
मैं आया शरण तुम्हारी,
हे शम्भू के लाल प्रभु कृपाल,
हे तेरी महिमा न्यारी,
तेरे दया का मैं मोहताज,
गणपती राखो मेरी लाज,
पूरण कीजो मेरे काज।
जिसके सर पे हाथ तेरा हो नाथ,
उसे फिर कैसा डर है,
जपे जो तेरा नाम सुबह और शाम,
तो उसका नाम अमर है,
सब देवों के तुम सरताज,
गणपती राखो मेरी लाज,
पूरण कीजो मेरे काज।
Ganpati Rakho Meri Laaj - गणपति रखो मेरी लाज | Gujarati Garba Bhakti 2019 | Manish Tiwari |
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गणपति को विघ्नहर्ता भी कहा गया है, जो भक्तों के समस्त कार्यों को पूर्ण करता है। भजन में भगवान गणेश के त्रिशूल, परशू, लंबोदर (बड़ा पेट), गजवदन (हाथी का सिर) रूपों का उल्लेख है, जो उनके विविध और दिव्य रूपों के प्रतीक हैं।
गणेश जी विघ्नों को हराने वाले, सुख, समृद्धि और मोक्ष देने वाले हैं। उनके चरणों में शरण लेने वालों को सभी आवश्यक वस्तुएं मिलती हैं और वे संपूर्ण सुख के दाता हैं। भक्तों का विश्वास है कि जो गणपति का नाम सुबह-शाम जपता है, उसका नाम अमर होता है और उस पर किसी प्रकार का भय नहीं आता। गणपति जी को सभी देवताओं का सरताज माना गया है और उनकी महिमा अत्यंत अनंत है। भजन में यह भी कहा गया है कि शिव के पुत्र गणेश रिद्धि-सिद्धि के स्वामी हैं, दया के स्वामी हैं, और उनकी कृपा से जीवन में समृद्धि, सुख और शांति आती है।
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Author - Saroj Jangir
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