समंदर लागी आगि नदियाँ जलि कोइला भई Samandar Aagi Nadiya Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit
समंदर लागी आगि, नदियाँ जलि कोइला भई।
देखि कबीरा जागि, मंछी रूषाँ चढ़ि गई।
Samandar Lagi Aagi Nadiya Jali Koila Bhai,
Dekhi Kabir Jagi, Manchhi Rukha Chadhi Gayi.
कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning
कबीर का सन्देश है की अन्तः करण रूपी सागर जो की विषय विकारों में लिप्त है उसमें आग लग गयी है, यह आग ज्ञान की है। इस समुन्द्र में जो विषयों का संचार करने वाली इन्द्रिय रूपी नदियाँ है वह जलकर कोयला बन चुकी हैं। जागृत रूप में कबीर साहेब इसे देख रहे हैं और जीवात्मा रूपी मछली सहस्रार चक्र के वृक्ष पर चढ़ गई है।