सती चमके अग्नि सूँ सूरा सीस डुलाय मीनिंग Sati Chamake Meaning

सती चमके अग्नि सूँ सूरा सीस डुलाय मीनिंग Sati Chamake Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

सती चमके अग्नि सूँ, सूरा सीस डुलाय |
साधु जो चूकै टेक सों, तीन लोक अथड़ाय ||
 
Sati Chamake Agni Su Sura Sheesh Dulay,
Sadhu Jo Chuke Tek So, Teen Lok Athday.
 
सती चमके अग्नि सूँ सूरा सीस डुलाय मीनिंग Sati Chamake Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

इस दोहे में कबीर साहेब की वाणी है की सती अग्नि से और अधिक शुद्ध होती है, वह चमकती है और शूर वीर शीश को कटवाकर अधिक सम्मानीय बन जाते हैं और ऐसे ही आगे सन्देश ही की साधू को भी अपने लक्ष पर ध्यान रखना चाहिए, यदि साधू अपने लक्ष्य से भटकते हैं तो तीन लोक में भी उनके लिए कोई स्थान शेष नहीं रहता है। इस दोहे में, कबीर दास जी ने सती, शूरवीर और साधु के आदर्शों की बात की है। वे कहते हैं कि अगर कोई इन तीनों में से किसी एक भी आदर्श से चूक जाता है तो वह "डामाडोल" हो जाता है।
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