सत्य हूं आनंद हूं लिरिक्स

सत्य हूं आनंद हूं लिरिक्स Saty Hu Aanand Hu Bhajan

सत्य हूं आनंद हूं,
चैतन्य हूं और शांत हूं,
स्वास्थ्य हूं आरोग्य हूं,
बलवान और प्रशांत हूं।

प्रेम का भंडार हूं और,
सुख दया की खान हूं,
तृप्त हूं संतुष्ट हूं,
प्रभु की कृपा का पात्र हूं।

संसार मेरा मित्र है,
संसार का मैं मित्र हूं,
शत्रु नहीं कोई मेरा,
ना मैं किसी का शत्रु हूं।

अटल है उत्साह मुझमें,
अमल कांतिमान हूं,
भ्रांति रहित ज्ञानी हूं,
मैं सुंदर विमल मतिमान हूं।

सरल है ये मन मेरा,
और विश्व जीवन प्रांण हूं,
मुख पे हंसी है झलकती,
आराम का मैं राम हूं।

Satya Hun Aanand Hun | सत्य हूँ आनंद हूँ | Prayer | Divya Jain

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