ज्ञानी ज्ञाता बहु मिले पण्डित कवी अनेक मीनिंग Gyani Gyata Bahu Mile Meaning : Kabir Ke dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit.
ज्ञानी ज्ञाता बहु मिले, पण्डित कवी अनेक।
राम रटा इंन्द्री जिता, कोटी मध्ये एक।।
Gyani Gyata Bahut Mile, Pandit Kavi Anek,
Raam Rata Indri Jita, Koti Madhye Ek.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
कबीर साहेब संत, कवी और ज्ञानियों के बारे में सन्देश देते हैं की उन्होंने कवी, ज्ञाता, ग्यानी, संत, बहुत से देखें हैं लेकिन उन सभी में राम के नाम का सुमिरन करके जिसने इन्द्रियों को जीत लिया हो ऐसे बहुत कम ही मिले. भाव है की भले ही कोई भक्ति करे, इश्वर के नाम का सुमिरन करे लेकिन इसके साथ ही विषय विकार और इन्द्रियों पर विजय हासिल करना बहुत आवश्यक हैं क्योंकि ये सभी भक्ति मार्ग में बाधक हैं.
इश्वर के नाम का निरंतर सुमिरन करना और इंद्रियों को जीतना बहुत कठिन है। यह सूक्ष्म और आत्मिक कार्य है । हमें अपने मन को नियंत्रित करना होता है और सांसारिक मोह से दूर रहना होता है। कबीरदास जी के इस दोहे से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें भगवान के भजन में रत होना चाहिए और इंद्रियों को जीतने का प्रयास करना चाहिए। इससे हम एक सार्थक और आनंदमय जीवन जी सकते हैं। कवी होना, किसी का ज्ञान रखना आदि कोई महत्त्व नहीं रखता है.
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